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समर्थ रामदासकृत हिन्दी पदे
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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हिन्दी पदे - श्रीराम
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हिन्दी पदे - श्रीकृष्ण
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हिन्दी पदे - मुरली
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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हिन्दी पदे - गवळणी
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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हिन्दी पदे - संतसंग
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हिन्दी पदे - करुणा
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हिन्दी पदे - भक्तिपर पदें
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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हिन्दी पदे - उपदेशपर पदें
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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हिन्दी पदे - अध्यात्मपर पदें
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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संत नामदेव रचित हिन्दी पदे
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे १ से ५
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पद ६
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे ७ से १०
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे ११ से १५
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे १६ से २०
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे २१ से २२
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे २३ से २५
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे २६ से ३०
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे ३१ से ३५
संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है ।
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हिन्दी पद - पदे ३६ से ४०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ४१ से ४५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ४६ से ५०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ५१ से ५५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ५६ से ६०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ६१ से ६५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ६६ से ७०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ७१ से ७५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ७६ से ८०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ८१ से ८५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ८६ से ९०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ९१ से ९५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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हिन्दी पद - पदे ९६ से ९९
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भूपाळी श्रीविष्णूची - राम कृष्ण विष्णु गोविंद ॥...
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
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भूपाळी श्रीविष्णूची - उठि उठि वा पुरुषोत्तमा
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - ग्रंथानुक्रमणिका
॥ ॐ तत्सत् ॥श्री समर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्णजगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - प्रथम प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - द्वितीय प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - तृतीय प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - चतुर्थ प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - पंचम प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - षष्ठ प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - सप्तम प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - अष्टम प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - नवम प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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बांदकरमहाराजांची पदे
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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ग्रंथार्पण पत्रिका
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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लघु आत्ममथन प्रारंभः, मंगलाचरण
श्रीसद्गुरु विष्णुबोवा सोमणकृत
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अथ अधिष्ठाण कथन
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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पिंड ब्रह्मांड निवारण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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सूक्ष्मदेह निवारण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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स्वमत मत निवारण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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कारणदेह निवारण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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महाकारण निरसन
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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जिवन्मुक्ती निरूपणनाम
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीलघुआत्ममथने
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज
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स्वात्मतत्त्वामृतशतकम्
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री गणपतीचीं पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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विष्णु महाराज सोमण यांचीं पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - १ ते १०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - ११ ते २०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - २१ ते ३०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - ३१ ते ४०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - ४१ ते ५०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - ५१ ते ६०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री रामाचीं पदें - ६१ ते ६७
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री मारुतीचीं पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री दत्तात्रेयाचीं पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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साधनोपदेशपर पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री संत लक्षणें पदें
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प्रार्थनापर पदें - १ ते १५
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प्रार्थनापर पदें - १६ ते ३०
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प्रार्थनापर पदें - ३१ ते ४८
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श्रीदामोदराचीं पदें
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श्री नागेशाचीं पदें
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श्री लक्ष्मीव्यंकटेशाचीं पदें
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श्री लक्ष्मी नृसिंहाचीं पदें
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श्री नृहसिंहाचीं पदें
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श्रीकामाक्षेचीं पदें
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श्री कपिलेश्वराचीं पदें
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श्री जगदंबेचीं पदें
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श्री नारसिंहाचीं पदें
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श्री नवदुर्गेचीं पदें
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श्री चंद्रेश्वराचीं पदें
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श्री मंगेशाचें पद
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श्री बिंदुमाधवाचें पद
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श्री शांतादुर्गेचें पद
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श्री विजयादुर्गेचें पद
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श्री महालसेचीं पदें
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श्री महालक्ष्मीचें पद
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उपदेशपर संवाद
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श्री विरविठ्ठलाचीं पदें
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श्री पांडुरंगाचीं पदें
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श्री रामनाथाचीं पदें
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श्री मदनंताचीं पदें
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श्री लक्ष्मी नारायणाचीं पदें
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श्री पूर्णप्रज्ञतीर्थ स्वामीचें पद
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री पद्मनाभतीर्थ स्वामीचीं पदें
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श्री इंदिराकांततीर्थ स्वामीचीं पदें
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श्री नरहरितीर्थांचीं पदें
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श्रीमुकुंदराज
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श्रीशितलादेवीचें पद
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श्रीषष्टीचीं पदें
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श्री देवकीकृष्णाचीं पदें
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उपदेशपर पद
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श्रीजगदंबेचीं पदें
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श्री गणपतीचें पद
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श्रीरामाचें पद
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श्रीबांदकर महाराजांचे स्वतःबद्दलचे उद्गार
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री जगन्नाथ बोवा बोरीकर
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्रीकृष्णाचीं पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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गवळण काल्यांतील पदें
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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झुला
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - १ ते १०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ११ ते २०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - २१ ते ३०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ३१ ते ४०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ४१ ते ५०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ५१ ते ६०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ६१ ते ७०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ७१ ते ८०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ८१ ते ९०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - ९१ ते १००
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - १०१ ते ११०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - १११ ते १२०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - १२१ ते १३०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग - १३१ ते १३९
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री जगदंबेचे अभंग
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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संतसंगाच्या महिमेचा अभंग
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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शिष्याकरितां केलेला अभंग
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री राघवाष्टक
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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‘ पतीतपावनराम ’ श्लोकाष्टक
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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‘ जानकीजीवनराम ’ मंत्रार्याष्टक
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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‘ राजीवनयनराम ’ श्लोकाष्टक
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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‘ आनंदघनराम ’ मंत्रार्या
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री ‘ सीताराम ’ मंत्र - श्लोक
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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श्री आर्या
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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पद
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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महाराष्ट्र सारस्वत दासोपंताची पदे
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.
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दासोपंताची पदे - पद १ ते २०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत. ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २१ ते ४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत. ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४१ ते ६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६१ ते ८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८१ ते १००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १०१ ते १२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२१ ते १४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४१ ते १६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १६१ ते १८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १८१ ते २००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २०१ ते २२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २२१ ते २४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २४१ ते २६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २६१ ते २८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद २८१ ते ३००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ३०१ ते ३२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ३२१ ते ३४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ३४१ ते ३६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ३६१ ते ३८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ३८१ ते ४००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४०१ ते ४२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४२१ ते ४४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४४१ ते ४६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४६१ ते ४८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ४८१ ते ५००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ५०१ ते ५२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ५२१ ते ५४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ५४१ ते ५६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ५६१ ते ५८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ५८१ ते ६००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६०१ ते ६२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६२१ ते ६४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६४१ ते ६६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६६१ ते ६८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ६८१ ते ७००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ७०१ ते ७२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ७२१ ते ७४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ७४१ ते ७६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ७६१ ते ७८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ७८१ ते ८००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८०१ ते ८२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८२१ ते ८४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८४१ ते ८६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८६१ ते ८८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ८८१ ते ९००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ९०१ ते ९२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ९२१ ते ९४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ९४१ ते ९६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ९६१ ते ९८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ९८१ ते १०००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १००१ ते १०२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १०२१ ते १०४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १०४१ ते १०६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १०६१ ते १०८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १०८१ ते ११००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ११०१ ते ११२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ११२१ ते ११४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ११४१ ते ११६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ११६१ ते ११८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद ११८१ ते १२००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२०१ ते १२२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२२१ ते १२४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२४१ ते १२६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२६१ ते १२८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १२८१ ते १३००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १३०१ ते १३२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १३२१ ते १३४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १३४१ ते १३६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १३६१ ते १३८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १३८१ ते १४००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४०१ ते १४२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४२१ ते १४४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४४१ ते १४६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४६१ ते १४८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १४८१ ते १५००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १५०१ ते १५२०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १५२१ ते १५४०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १५४१ ते १५६०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १५६१ ते १५८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १५८१ ते १६००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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दासोपंताची पदे - पद १६०१ ते १६०५
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह १
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह २
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ३
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ४
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ५
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ६
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ७
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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श्रीदत्तात्रेयाचीं पदे - संग्रह ८
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे.Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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आत्मज्ञानी पदे
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - गण १ ला
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - गौळण
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद १
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद २
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ३
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ४
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ६
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ७
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ८
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद ९
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आत्मज्ञानी भजनी पदे - पद १०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे
एकतारी,भजन,पद,ekatari,bhajan,pad,marathi,मराठी
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एकतारी पदे - पद १
मराठीमहाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद २
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ३
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ४
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ६
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ७
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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एकतारी पदे - पद ८
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - १ ते ५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - ६ ते १०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - ११ ते १५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - १६ ते २०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - २१ ते २५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - २६ ते ३०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - ३१ ते ३५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग व पदें - ३६ ते ४०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग - १ ते ५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग - ६ ते १०
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग - ११ ते १५
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग - १६ ते १९
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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निराकारी व एकतारी भजनीपदे
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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भजनी पदे - विस्तृत माहिती
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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आरती गुरुची
महाराष्ट्रात, विशेषतः ग्रामीण भागात एकतारी भजनी परंपरा आहे.
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अभंग संग्रह आणि पदे
अभंग संग्रहAbhang is form of devotional poetry sung in praise of the Hindu god Krishna, also known as Vithala and Vithoba. Abhangs were first sung by Tukaram in his native language, Marathi. Tukaram was a seventeenth century poet, who lived in a town named Dehu, which is located near modern day Pune. He was a popular poet and was a leading figure in the Bhakti Movement of the time, that sought to put the emphasis back on devotion and love towards god, in contrast to blind obedience of rituals and arcane religious practices.
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श्री कल्याणस्वामींची पदे
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - तो मज भेटवा भेटवा । आत्मा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - देवदेवा राघवा सुरवंदना रे...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - धीर उदारा राजसा गुणगंभीरा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - अरिकुळखंडण रविकुळमंडण । य...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - मुनिवरमंडण अरिवीरखंडण । द...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राघव ध्यायी पद पाही दाता ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - अनाथबंधू करुणासिंधू । उतर...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - हरिवर गिरिवर जळनिधि तरले ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - अहो जय रामा हो ॥ पतीतपावन...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राम दीनबंधू रे । भक्तपाळ ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राजीवनयना रघुवीरा । शिवहर...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - जय जय जय श्रीरामा । वामे ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - सुंदर सुंदर रुज साजे । सी...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - श्री जयरामा मेघशामा । शिव...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - शरयूतीरीचा रावो पवित्र पर...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - या रामचंद्रीं मानस वेधलेस...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - त्रिदशबंदविमोचन देवा । वा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राजीवलोचन बंदविमोचन । नाम...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - ज्याचे चरणींचें पाणी । मा...
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श्री रामाचे पद - शेष श्रमला श्रुति म्हणती ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - घडी घडी घडी घडी आठवतें रू...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राघव गावा गाईला चि ॥ध्रु....
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - राघवरायासम तुल्य देव नाही...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - तुझे चरणीं मानस रामा२ । र...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री रामाचे पद - आतां लावा रे पंचारती । रा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - कैपक्षी भीमराया । निगमांत...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - अहो जी बलभीमा बलभीमा ॥धृ....
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - पिंगाक्षीवदना मदनाअंतक तू...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - भीतरी जाऊनि कपाट लाउनि दे...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - रामचरणीं घातली मिठी । अश्...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री मारूतीचे पद - सुंदर कर्कश रूपी । धगधग द...
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श्री मारूतीचे पद - वानरकुळविभूषित दिनमणी । क...
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श्री मारूतीचे पद - प्रताप वदला रे वदला न वचे...
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श्री मारूतीचे पद - पाहा रे पाहा अंजनीबाळ कपि...
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श्री मारूतीचे पद - सुंदर रे भीमा, श्रीरामा द...
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श्री दत्तात्रेयाचे पद - अत्रीनंदन वंदन जगत्रई । अ...
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श्री शंकराचे पद - हर हर हर हर सुखधामा । योग...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री शंकराचे पद - वृषभारूढ जाला । कैलासाहुन...
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श्री कृष्णाचे पद - दीनबंधू ये ये ये ॥ध्रु.॥ ...
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श्री देवाचें पद - सकळा कळा देव चि तूं तूं ॥...
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श्री गुरूचे पद - अनाथहीनदीनपतितपावन नाम तु...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद
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श्री गुरूचे पद - जग जगासी गुंतलें कामा । न...
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श्री गुरूचे पद - नारद वीणा वाहे गगनीं । घो...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद - रामनामाचें भांडार लुटा । ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद - विशेष स्मरणें देव चि होतो...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद - तळमळ तळमळ कलिमळ वारी । चि...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री गुरूचे पद - रामनामाचा कडकडाट । भवसिंध...
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श्री ब्रह्माचे पद - तुझें तुजचिपाशीं आहे । डो...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - अधम जाणावा । तो नर उत्तम ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - तो मज मानेना । सज्जनमनासी...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - टाळी टाळी हा काळ काळें टा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - नरदेह गेला रे । घात जाला ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - प्रचितीविना करिती तनाना ।...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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श्री कल्याणचे पद - स्मरण धरावे स्वयें उद्धरा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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अनेककविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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अनेककविकृत पदें - अनुक्रमणिका
अनेककविकृत पदें.
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आदिनारायणकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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निजानंदस्वामिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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शिवदिनकेसरीकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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रंगनाथस्वामिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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शिवरामस्वामिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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मध्वनाथस्वामिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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नरहरिकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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महिपतिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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गोपाळनाथकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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आत्मारामकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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गंगाधरकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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पांडुरंगकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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श्रीधरस्वामीकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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श्रीधरस्वामीकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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परमानंदकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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जनार्दनकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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राघवकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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बल्लवकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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रामकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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भुजंगनाथकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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कोकिळकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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निरंजनकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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कृष्णदयार्णवकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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शुकानंदकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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हरिकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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निंबराजकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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दीनानाथकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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माधवकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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हनुमंतकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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शिशुमतिकविकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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गिरिधरकविकृत पदे
अनेककविकृत पदें.
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मानपुरीकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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व्यंकटसुतकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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जिवनतनयकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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गोसावीनंदनकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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गोपालात्मजकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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जयरामात्मजकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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शिवरामात्मजकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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त्र्यंबककविसुतकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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गंगाधरात्मजकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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शिवदासतनयकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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रामतनयकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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अनंतकविसुतकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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शुकानंदनाथतनयकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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राजाराम प्रासादीकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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माणिकप्रभुकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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रविदासकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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जगजीवनात्मजकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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प्रेमाबाईकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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गुरुदासकृत पद
अनेककविकृत पदें.
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नारायणबोवाकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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शिवदासात्मजकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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वासुदेवस्वामीकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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सुभरावबावाकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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माधवकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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अनामकविकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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प्रार्थना - वासुदेवा दीनानाथा । कमललो...
अनेककविकृत पदें.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे. तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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मुक्तेश्वरांच्या वाङ्मयातील श्रीमहालक्ष्मी भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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मुक्तेश्वरांच्या वाङ्मयातील श्रीमहालक्ष्मी भाग२
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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मुक्तेश्वरांच्या वाङ्मयातील श्रीमहालक्ष्मी भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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मुक्तेश्वरांच्या वाङ्मयातील श्रीमहालक्ष्मी भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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जोशी घराण्याची श्रीमहालक्ष्मीभक्ती भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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जोशी घराण्याची श्रीमहालक्ष्मीभक्ती भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीसेवा भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीसेवा भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीसेवा भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीसेवा भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग ५
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग ६
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची पदे भाग ७
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ५
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ६
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ७
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ८
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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सत्कवींची काव्ये भाग ९
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग ५
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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स्त्रीगीतांतील श्रीमहालक्ष्मी भाग ६
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग १
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग २
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग ३
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग ४
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग ५
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्रीमहालक्ष्मीची पदे भाग ६
देवीभागवत महापुराणात करवीर निवासिनी महालक्ष्मीला प्रथम स्थान दिले आहे, तिरूपति बालाजीच्या दर्शनानंतर महालक्ष्मीचे दर्शन भक्त घेतातच.
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श्री मुकुंदराज महाराज बांदकर
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीगणपतीचीं पदें
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीरामाचीं पदें
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीनरहरिरायाचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीशांतादुर्गेचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीवेंकटेशाचीं पदें
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीदामोदराचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीमन्नागेशाचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीग्रामदेवी श्रीषष्टी शांतादुर्गेचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीमल्लिकेशाचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीबजरंगबलीचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीमदिदिंराकांततीर्थस्वामी यांचीं पदें
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीकमलानाथतीर्थ स्वामीचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीकृष्ण महाराज बांदकर यांचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्री रवळनाथाचें पद
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीमदनंताची आरती
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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श्रीलक्ष्मीनारायणदेवाचा झुला
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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पवित्र उपदेश
श्रीसमर्थ रामदास वैष्णव सद्गुरु श्रीकृष्ण जगन्नाथ चरणारविंदेभ्यो नमः ।
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संत नामदेवांचे अभंग - आत्मस्वरूपस्थिति
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग १ ते ५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग ६ ते १०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग ११ ते १२
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग १३ ते १५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग १६ ते २०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग २१ ते २५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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आत्मस्वरूपस्थिति - अभंग २६ ते २८
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ५२ ते ५५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ५६ ते ६०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ६१ ते ६५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ६६ ते ७०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ७१ ते ७२
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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भक्तवत्सलता - अभंग ७३ ते ७७
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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नामदेवाचें चरित्र - नैवेद्याचा नेम असे दामाजी...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - नामदेवा कैसा हा रे नफा के...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - विनवितो देवा बहुत प्रकारी...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - आलिंगिला नामा हृदयीं विठ्...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - नामा आला घरा पुसत गोणाई ।...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - नामयाचा नेम पाहों आदरिला ...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - साक्ष आल्यावरी कष्टी जहाल...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - नामयाची माता काय म्हणे दे...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - विठ्ठल रुक्माई भक्त नामदे...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - दोघेजण बाळ नारा म्हादा ता...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - शिजला तो सर्प काढिलें झां...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - जाच केला म्हणोनि चालिला श...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - वराईची गोणी कळली राजाईसी ...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - राजाईचा संशय फेडिला मनींच...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - ऐसा नामा भक्त पूर्ण केली ...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - भावें भक्तिवादें करावें क...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नामदेवाचें चरित्र - साठीं नव लक्ष चौर्यांपणव...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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परसा भागवत व नामदेव यांचा संवाद
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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परसा भागवताचा गर्वपरिहार
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परसा भागवत व श्रीनामदेव यांचा संवाद
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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परसा भागवताची नामदेवाची स्तुति
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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नारा
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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महादा - यादवांचे कुळीं झोंड जे जन...
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली तसेच त्यांच्या कुटुंबातील मंडळींनी देखील अभंग रचना केलेल्या आहेत.
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संत नामदेवांचे अभंग - करुणा
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग १ ते ४
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग ५ ते ८
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग ९ ते १२
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग १३ ते १५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग १६ ते १८
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग १९ ते २१
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग २२ ते २४
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग २५ ते २७
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग २८ ते ३०
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग ३१ ते ३३
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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करुणा - अभंग ३४ ते ३६
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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संत नामदेवांचे अभंग - नामसंकीर्तन माहात्म्य
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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नामसंकीर्तन माहात्म्य - अभंग १ ते ३
सदर अभंग संत जनाबाइंना उद्देशून रचिले आहेत.
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नामसंकीर्तन माहात्म्य - अभंग ४ ते ६
सदर अभंग संत जनाबाइंना उद्देशून रचिले आहेत.
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नामसंकीर्तन माहात्म्य - अभंग ७ ते ९
सदर अभंग संत जनाबाइंना उद्देशून रचिले आहेत.
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नामसंकीर्तन माहात्म्य - अभंग १० ते १२
सदर अभंग संत जनाबाइंना उद्देशून रचिले आहेत.
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नामसंकीर्तन माहात्म्य - अभंग १३ ते १५
सदर अभंग संत जनाबाइंना उद्देशून रचिले आहेत.
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