हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|संत नामदेव रचित हिन्दी पदे| पदे ७ से १० संत नामदेव रचित हिन्दी पदे पदे १ से ५ पद ६ पदे ७ से १० पदे ११ से १५ पदे १६ से २० पदे २१ से २२ पदे २३ से २५ पदे २६ से ३० पदे ३१ से ३५ पदे ३६ से ४० पदे ४१ से ४५ पदे ४६ से ५० पदे ५१ से ५५ पदे ५६ से ६० पदे ६१ से ६५ पदे ६६ से ७० पदे ७१ से ७५ पदे ७६ से ८० पदे ८१ से ८५ पदे ८६ से ९० पदे ९१ से ९५ पदे ९६ से ९९ हिन्दी पद - पदे ७ से १० संत नामदेवजीने हिन्दी में भी बहुत सुंदर और भक्तिपूर्ण रचनायें की है । Tags : namdevpadनामदेवपदहिन्दी पदे ७ से १० Translation - भाषांतर ७. हम तो भुले ठाकुर जाने । उम क्यौं भाइ झूट दिवाने ॥१॥नाला अपआप सागर हुवा । काहेके कारण रोता है कूवा ॥२॥चंदनके साती निंब हुवा चंदन । क्यौ कर रोवे देखो ए हिंगन ॥३॥गुरु के मेहेरसे नामा भये सांधु । देखत रोने लगे जन हे भोंदू ॥४॥८. सब चतुरता बरते अपना ऐसा न कोई । नीरपखव्है खेले ताथे मिठे अंतर पद्मी ॥१॥अंतर कुटील रहत खचरमती । उपरी मज नकरी दिन खपती ॥२॥ऐसा न कोई नीरपखव्हे खेले । प्रभुवैना ऐर रेनी दिन सुपनी ॥३॥सोई साध सोई सुनी ग्यानी । ज्याकी मिलागी रहिल्यो रसनी ॥४॥ भणत नामदेवनी नीथीती पाई । जाकई रामनाम निज रजनी ॥५॥ ९. तूं आगाध वैकुंठनाथा । तेरे चरण मेरो माथा ॥१॥जब भूतें नाना पेषु । जत्न जाऊ संत्र तूहीजु पेषु ॥२॥ज थल महीथल काष्ठ पाषाण । आगम निगम बार बेद पुराण ॥२॥मैमे निखा जन मानीर बधन ज्वाला । नामा काटा कुर दिन दयाला ॥३॥१०. राम आपणा पयाणा राम आपणा पयाणा । नामदेव मुरख लोग सयाना ॥१॥जब हम हिरदे प्रिय बिचारी । रजबल छांडीके भये भीखारी ॥२॥जब हरि कृपा करी हम जाणा । तब था चेरा अब भये राणा ॥३॥नामदेव कहे मैं नरहरी गावो । पद खोबत परमारथ पावो ॥४॥ N/A References : N/A Last Updated : November 11, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP