-
राजनिघण्टु - प्रस्तावना
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - आनूपादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - धरण्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - ङुडूच्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - पर्पटादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - पिप्पल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - शताह्वादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - ऊलकादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - शाल्मल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - प्रभद्रादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - करवीरादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - आम्रादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - अन्दनादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - उवर्णादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - पानीयादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - क्षीरादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - शाल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - आंसादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - अनुष्यादिवर्गः
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - इंहादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - ऱोगादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - अत्त्वादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - इश्रकादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग १
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग २
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ३
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ४
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ५
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ६
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ७
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ८
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ९
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग १०
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ११
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी
‘रसमञ्जरी’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय १
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय २
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ३
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ४
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ५
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ७
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ८
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय ९
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसमञ्जरी - अध्याय १०
शालिनाथ कृत ‘रसमञ्जरी ’ ग्रंथात रसविद्या संबंधित वेगवेगळ्या क्रिया सविस्तर वर्णिल्या आहेत .
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय २
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ३
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ४
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ५
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ६
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ७
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ८
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ९
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १०
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय ११
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १२
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १३
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १४
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १५
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १६
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १७
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १८
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसहृदयतंत्र - अध्याय १९
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय
रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय २
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ३
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ४
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ५
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ६
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ७
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ८
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ९
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १०
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ११
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १२
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १३
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १४
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १५
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १६
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १७
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १८
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - प्रथमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - द्नितीयः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - तृतीयः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - चतुर्थः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - पञ्चमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - षष्ठः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - सप्तमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - अष्टमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - नवमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - दशमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - एकादशः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसार्णव - द्वादशः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका - अध्यायः १
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका - अध्यायः २
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका - अध्यायः ३
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका - अध्यायः ४
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रससंकेतकलिका - अध्यायः ५
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः १
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः २
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ३
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ४
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ५
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ६
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ७
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ८
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.१
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.२
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.३
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.५
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.६
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.८
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.९
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण १.१०
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.१
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.२
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.३
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.५
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.६
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण २.८
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.२
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.३
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.५
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.६
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.८
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.९
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१०
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.११
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१२
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१३
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१५
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१६
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१८
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१९
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसरत्नाकर - प्रकरण ३.२०
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ज्योत्स्निका विषवैद्यं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - अभिवन्दनाधिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - दूतलक्षणाधिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - लक्षणं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - चिकित्साक्रमं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - दर्व्वीकरविषत्तिन्
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - मण्डलिचिकित्सारंभं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - राजिलविषत्तिन्न्
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - चिकित्साक्रमाधिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - लेह्यतैलादिक्रमं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - अग्निलक्षणं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - आखुविषत्तिन्न्
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - वृश्चिकादिचिकित्साधिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - पशुक्कल्क्कु विषप्पेट्टाल्
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - सामान्य चिकित्सकल्
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - सर्व्वमहाचिकित्साधिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - सर्प्पोल्पत्ति
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - सर्प्पलक्षणाद्य्धिकारं
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
विषवैद्यं - वैद्यपारम्पर्य्यः
आयुर्वेदातील विषासंबंधी एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय १
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय २
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ३
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ४
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ५
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ६
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ७
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ८
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ९
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय १०
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ११
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय १२
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय १३
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa