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करिवरानुज कलियुग वरदा वीर...

वीरमणिकण्ठा - करिवरानुज कलियुग वरदा वीर...

देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.

In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.

करिवरानुज कलियुग वरदा वीरमणिकण्ठा, वीरमणिकण्ठा,
अनाथनाथा दीन बन्धो शबरिगिरीश,
अनाथ नाथ दीन बन्धो शबरि गिरीश

नित्य निर्मला निषाद वीर्या ॥ वीर मणिकण्ठ ।
चतुर्मुख पूज्य नाद स्वरूप ॥ वीर मणिकण्ठ ।
मदगज वाहा मन्मथ रूपा ॥ वीर मणिकण्ठ ।
कलिमल नाशन कीर्तनप्रिय ॥ वीर मणिकण्ठ ।
सत्य स्वरूप ताण्डवप्रिय ॥ वीर मणिकण्ठ ।
योगानन्द योगि कुल वीर्य ॥ वीर मणिकण्ठ ।
मोहिनि सुत मोहन रूप ॥ वीर मणिकण्ठ ।
भूमि प्रपञ्च भूसुर रक्षक ॥ वीर मणिकण्ठ ।
विल्लरि वीरा विजय कुमारा ॥ वीर मणिकण्ठ ।
भक्तवत्सला  परम दयाला ॥ वीर मणिकण्ठ ।
शबरि गिरीशा सुगुण प्रतापा ॥ वीर मणिकण्ठ ।
कोमलरूपा श्यामल वर्णा ॥ वीर मणिकण्ठ ।
अनाथ रक्षक आपत्बान्धव ॥ वीर मणिकण्ठ ।
मणिमय भूष मञ्जुल भाषा ॥ वीर मणिकण्ठ ।
कान्त गिरीशा कानन प्रिय ॥ वीर मणिकण्ठ ।
पुण्यश्लोका पुष्कला कान्त ॥ वीर मणिकण्ठ ।
शम्बु कुमारा षण्मुख सोदर ॥ वीर मणिकण्ठ,
वीरमणिकण्ठा,
अनाथनाथा दीन बन्धो शबरिगिरीश।,
अनाथ नाथ दीन बन्धो शबरि गिरीश ॥

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Last Updated : July 11, 2016

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