-
अध्याय ३६६ - क्षत्रविट्शूद्रबर्गाः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३६७ - सामान्यनामलिङ्गानि
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३६८ - नित्यनैमित्तिकप्राकृतप्रलयाः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३६९ - नित्यनैमित्तिकप्राकृतप्रलयाः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७० - आत्यन्तिकलयगर्भोत्पत्तिनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७१ - नरकनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७२ - यमनियमाः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७३ - आसनप्राणायामप्रत्याहाराः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७४ - ध्यानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७५ - धारणा
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७६ - समाधिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७७ - ब्रह्मज्ञानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७८ - ब्रह्मज्ञानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३७९ - ब्रह्मज्ञानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३८० - अद्वैतब्रह्मविज्ञानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३८१ - गीतासारः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३८२ - यमगीता
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अध्याय ३८३ - आग्न्येयपुराणमाहात्म्यम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्रीपुरश्चरणपद्धतिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्रीपुरश्चरणपद्धतिविषयानुक्रमणिका
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीपुरश्चरणपद्धतिप्रारंभः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ भूम्यादिदेवानामावाहनं पूजनञ्च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ संक्षेपतः सार्वत्रिकी कुण्डमण्डपादीतिकर्तव्यता
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ कुण्डरचनाप्रकारः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ प्राच्योदीच्याङ्गसहितः प्रायश्चित्तप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गोदानादिपूर्वोत्तराङ्गसहितः प्रायश्चित्तहोमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ आज्येन प्रधानहोमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथोत्तराङ्गप्रायचित्तम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ नूतनयज्ञोपवीतधारणविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गायत्रीपुरश्चरणमुहूर्तादिकम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
वृतानां ब्राह्मणानामपि धर्मा लक्षणानि च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ पुरश्चरणलक्षणं युगभेदेन न्यूनाधिकजपसंख्याप्रकारश्च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गायत्रीपुरश्चरणभेदा होमद्रव्याणि च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
निर्णयसंग्रहः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ कर्मारम्भप्रतिबन्धकनिमित्तनिर्णयः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्र्यादिसप्तवसोर्धारदेवतापूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथाचाराद्वैश्चदेवसङ्कल्पः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथायुष्यमंत्रजपः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ साङ्कल्पिकनान्दीश्राद्धप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ आचार्याद्यृत्विग्वरणप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ वरणश्राद्धम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ आचार्यादीनां मधुपर्कार्चनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ आचार्यादिपूजनपूर्वकप्रार्थनाप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ रेखाकरणं पूजनञ्च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ स्थापनक्रमेण ब्रह्मादीनां पायसबलिदानम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
शिख्यादिवास्तुमण्डलदेवतापूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथयोगिनीदेवतापूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ जलयात्राप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ सप्तजलजीवस्थलमातृकाणां सागराणाञ्च स्थापनपूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ इन्द्रादीनां पूजनपूर्वकबलिदानप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ पात्रासादनपूर्वकश्रीगायत्रीदेवीपूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ भूतशुद्धिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ प्राणप्रतिष्ठाप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ अजपाजपसङ्कल्पः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ अन्तर्मातृकान्यासः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ बहिर्मातृकान्यासः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गायत्रीमहान्यासाः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ततः श्रीगायत्रीदेव्या बहिःपूजामारभेत
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
गायत्रीकवचं
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गायत्रीमन्त्रनित्यजपविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ कुण्डस्थदेवतापूजनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ पञ्चभूसंस्कारपूर्वकाग्नीप्रतिष्ठापनप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ वैकल्पिकपदार्थावधारणादिकम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ कुशकुण्डिकाप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ प्रधानहोमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ होमदशांशेन तर्पणप्रयोगस्तर्पणदशांशेन मार्जनप्रयोगश्च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ स्थापितदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ वास्तुमण्डलदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वतीसमन्वितश्रीगजाननादिचतुःषष्टियोगिनीनां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथैकपञ्चाशत्क्षेत्रपालदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ सर्वतोभद्रमण्डलदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्र्याः पीठदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ यन्त्रदेवतानां होमः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रेयःसंपादनादिकम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ अवभृथस्नानविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ घृतपात्रदानादिकम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ देवताविसर्जनं पीठादिदानञ्च
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीसूर्याथर्वशीर्षम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्रीसहस्रनामावलिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ गायत्रीध्यानम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीचाक्षुषोपनिषद्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्रीमानसपूजा
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्र्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीगायत्रीपुरश्चरणविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ विश्वामित्रकृत श्रीगायत्रीकल्पः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्र्युपनिषत्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीपद्धतिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीतत्त्वम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीकवचम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीपंजरस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीस्तवराजः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीपटलम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अष्टाविंशतिगायत्र्यः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अथ श्रीगायत्रीसहस्रनामस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा ।वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हरिवंशपुराणम् - भविष्य पर्व
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - प्रथमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्वितीयोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - तृतीयोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुर्थोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षष्ठोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - नवमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - दशमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकादशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्वादशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रयोदशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुर्दशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चदशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हरिवंश पर्व - षोडशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तदशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टादशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - विंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्वाविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रयोविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुर्विंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षड्विंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टाविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनत्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकत्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्वात्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रयस्त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुस्त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चत्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षट्त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चत्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टात्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्विचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुश्चत्वारिंशोऽध्याय
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षट्चत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुष्पञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षट्पञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्विषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुःषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षट्षष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्विसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुःसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षट्सप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोनाशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकाशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्व्यशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्र्यशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुरशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चाशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षडशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्ताशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टाशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकोननवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - नवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्विनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्रिनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुर्नवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - षण्णवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - सप्तनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - अष्टनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - नवनवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - शततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - एकाधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - द्व्यधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - त्र्यधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - चतुरधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
भविष्यपर्व - पञ्चाधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa