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शतश्लोकी - श्लोक ४६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ४७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ४८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ४९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५०
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५२
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५३
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५५
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ५९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६०
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६२
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६३
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६५
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ६९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७०
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७२
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७३
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७५
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ७९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८०
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८२
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८३
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८५
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ८९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९०
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९२
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९३
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९५
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९६
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९८
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक ९९
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक १००
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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शतश्लोकी - श्लोक १०१
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
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दशकुमारचरितम् - पूर्वपीठिका
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - प्रथमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - द्वितीयोच्छ्वासः
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - तृतीयोच्छ्वासः
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - चतुर्थोच्छ्वासः
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - पञ्चमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित एक गद्यकाव्य असून त्याचे कवी आहेत, दंडी.
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दशकुमारचरितम् - उत्तरपीठिका
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते.
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दशकुमारचरितम् - प्रथमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - द्वितीयोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - तृतीयोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - चतुर्थोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - पञ्चमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - षष्ठोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - सप्तमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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दशकुमारचरितम् - अष्टमोच्छ्वासः
दशकुमारचरित हे अत्यंत मधुर काव्य असून ते वाचल्याने अत्यंत समाधान मिळते .
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धर्मपदम्
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - यमकवर्गः प्रथमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - अप्रमादवर्गः द्वितीयः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - चित्तवर्गस्तृतीयः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - पुष्पवर्गश्चतुर्त्थः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - बालवर्गः पञ्चमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - पण्डितवर्गः षष्ठः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - अर्हद्वर्गः सप्तमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - सहस्रवर्गो अष्टमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - पापवर्गः नवमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - दण्डवर्गः दशमः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - जरावर्ग एकादशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - आत्मवर्गः द्वादशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - लोकवर्गः त्रयोदशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - बुद्धवर्गः चतुर्दशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - सुखवर्गः पञ्चदशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - प्रियवर्गः षोडशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - क्रोधवर्गः सप्तदशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - मलवर्गोष्टादशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - धर्मष्ठवर्गः एकोनविंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - मार्गवर्गः विंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - प्रकीर्णकवर्गः एकविंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - निरयवर्गो द्वाविंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - नागवर्गः त्रयोविंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - तृष्णावर्गः चतुर्विंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - भिक्षुवर्गः पञ्चविंशः
धर्मपदम्
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धर्मपदम् - ब्राह्मणवर्गः षड्विंशः
धर्मपदम्
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पुस्तकं
संस्कृत पुस्तकं।
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कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
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कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - प्रथमः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - द्वितीयः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - तृतीयः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
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-
कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - चतुर्थः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
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कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - पञ्चमः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
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कृष्णभक्तिरत्नप्रकाशः - षष्ठः प्रकाशः
भगवान श्रीकृष्ण का लीलामय जीवन अनके प्रेरणाओं व मार्गदर्शन से भरा हुआ है।
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श्रीमच्छंकरदिग्विजयः - अथ प्रथमः सर्गः
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
श्रीमच्छंकरदिग्विजयः - अथ द्वितीयः सर्गः
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
द्वितीय सर्ग - श्लोक १ ते २०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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-
द्वितीय सर्ग - श्लोक २१ ते ४०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
द्वितीय सर्ग - श्लोक ४१ ते ६०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
द्वितीय सर्ग - श्लोक ६१ ते ८०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
द्वितीय सर्ग - श्लोक ८१ ते ९३
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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श्रीमच्छंकरदिग्विजयः - अथ तृतीयः सर्गः
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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तृतीय सर्ग - श्लोक १ ते २०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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तृतीय सर्ग - श्लोक २१ ते ४०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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तृतीय सर्ग - श्लोक ४१ ते ६०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
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तृतीय सर्ग - श्लोक ६१ ते ८३
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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श्रीमच्छंकरदिग्विजयः - अथ चतुर्थः सर्गः
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक १ ते २०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक २१ ते ४०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक ४१ ते ६०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक ६१ ते ८०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक ८१ ते १००
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक १०१ ते ११०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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श्रीमच्छंकरदिग्विजयः ।
संस्कृत पुस्तकं।
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नैष्कर्म्यसिद्धिः
श्रीज्ञानोत्तममिश्रविरचित नैष्कर्म्यसिद्धि ग्रंथ मनन करण्या योग्य आहे.
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नैष्कर्म्यसिद्धिः - अथ प्रथमोऽध्यायः
श्रीज्ञानोत्तममिश्रविरचित नैष्कर्म्यसिद्धि ग्रंथ मनन करण्या योग्य आहे.
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नैष्कर्म्यसिद्धिः - अथ द्वितीयोऽध्यायः
श्रीज्ञानोत्तममिश्रविरचित नैष्कर्म्यसिद्धि ग्रंथ मनन करण्या योग्य आहे.
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नैष्कर्म्यसिद्धिः - अथ तृतीयोऽध्यायः
श्रीज्ञानोत्तममिश्रविरचित नैष्कर्म्यसिद्धि ग्रंथ मनन करण्या योग्य आहे.
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नैष्कर्म्यसिद्धिः - अथ चतुर्थोऽध्यायः
श्रीज्ञानोत्तममिश्रविरचित नैष्कर्म्यसिद्धि ग्रंथ मनन करण्या योग्य आहे.
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नारदपञ्चरात्रम् - प्रथमैकरात्रः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - प्रथमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - द्वितीयोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - तृतीयोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - चतुर्थोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - पञ्चमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - षष्ठोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - सप्तमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - अष्टमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - नवमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - दशमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - एकादशोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - द्वादशोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - त्रयोदशोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - चतुर्दशोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रथमैकरात्रः - पञ्चदशोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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श्रीनारदपञ्चरात्रम्
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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प्रबोधसुधाकरः
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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प्रबोधसुधाकरः - देहनिन्दाप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - विषयनिन्दाप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - मनोनिन्दाप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - विषयनिन्दाप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - मनिनिग्रहप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - वैराग्यप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - आत्मसिद्धिप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - मायासिद्धिप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - लिङ्गदेहादिनिरूपणप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - अद्वैतप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - कर्तृत्वभोक्तृत्वप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - स्वप्रकाशताप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - नादानुसन्धानप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - मनोलयप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - प्रबोधप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - द्विधाभक्तिप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - ध्यानविधिप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - सगुणनिर्गुणयोरैक्यप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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प्रबोधसुधाकरः - आनुग्रहिकप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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सौंदर्यलहरी
आद्य शंकराचार्यांनी शिव आणि शक्ति उपासनेच्या विविध रूढ पद्धतीत स्वतंत्र अशा अध्यात्मप्रवण दृष्टीने ‘ सौंदर्यलहरी ‘ या स्तोत्राची रचना केलेली आहे शिवाय यातील प्रत्येक श्लोक मंत्रस्वरूप आहे.
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सौंदर्यलहरी - प्रस्तावना
आद्य शंकराचार्यांनी शिव आणि शक्ति उपासनेच्या विविध रूढ पद्धतीत स्वतंत्र अशा अध्यात्मप्रवण दृष्टीने ‘ सौंदर्यलहरी ‘ या स्तोत्राची रचना केलेली आहे शिवाय यातील प्रत्येक श्लोक मंत्रस्वरूप आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक १ ते १०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ११ ते २०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक २१ ते ३०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ३१ ते ४०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ४१ ते ५०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ५१ ते ६०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ६१ ते ७०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ७१ ते ८०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ८१ ते ९०
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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सौन्दर्यलहरी - श्लोक ९१ ते १००
आदि शंकराचार्यांनी भगवान् शंकर आणि भगवती यांच्या आज्ञेनुसार वेदांतील शताक्षरी महाविद्येचे विवरण १०० श्लोकांत केले आहे.
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वेदान्त परिभाषा
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - प्रत्यक्ष प्रमाणम्
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - अनुमानम्
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - उपमानम्
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - आगमः
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - अनुपलब्धि
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - प्रामाण्यम्
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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वेदान्त परिभाषा - प्रयोजनम्
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - ब्रह्मवन्दनम्
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - साधन-चतुष्टय
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - वस्तु-विवेक
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - नैस्पृह्यम्
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - असक्तबुद्धिः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - निर्लोभत्वम्
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - शमः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - मनःप्रसादः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - संन्यासः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - श्रद्धा
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - सम्यगाधानम्
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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