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शुक्लपक्ष की एकादशी
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भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी (वामन) एकादशी कहते है ।
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वामन पंडित - अनुभूतिलेश
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - प्रारंभ
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १ ते १५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १५ ते ३०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ३१ ते ४५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ४६ ते ६०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ६१ ते ७५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ७६ ते ९०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ९१ ते १०५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १०६ ते १२०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १२१ ते १३५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १३६ ते १५०
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अनुभूतिलेश - श्लोक १५१ ते १६५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १६६ ते १८०
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अनुभूतिलेश - श्लोक १८१ ते १९५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १९६ ते २१०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक २११ ते २२५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक २२६ ते २४०
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक २४१ ते २५५
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वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते