-
यशवंतराय महाकाव्य
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - अनुक्रमणिका
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पहिला
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दुसरा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तिसरा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चवथा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पाचवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सहावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सातवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग आठवा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग नववा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दहावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग अकरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बारावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तेरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चौदावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पंधरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सोळावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग सतरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग अठरावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग एकोणिसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग विसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग एकविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बाविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तेविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग चोविसावा
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
परिशिष्ट पदे - पदे १ ते १०
मध्वमुनीश्वरांची कविता
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr
-
आश्चर्यरासप्रबन्धः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग १
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग २
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग ३
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - द्वितीया वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - तृतीया वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - चतुर्थी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - पञ्चमी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - षष्ठी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - सप्तमी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम्
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - मत्स्यावतारः प्रथमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - कूर्मावतारो द्वितीयः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - वराहावतारस्तृतीयः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - नृसिंहावतारश्चतुर्थः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - वामनावतारः पञ्चमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - परशुरामावतारः षष्ठः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - रामावतारः सप्तमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - कृष्णावतारोऽष्टमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - बुद्धावतारो नवमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - कर्क्यवतारो दशमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
दशावतारचरित्रम् - कविपरिचयः
क्षेमेंद्र के पूर्वपुरूष राज्य के अमात्य पद पर प्रतिष्ठित थे। क्षेमेंद्र संस्कृत के प्रतिभासंपन्न काश्मीरी महाकवि थे।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम्
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - प्रथम उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - द्वितीय उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - तृतीय उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - चतुर्थ उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - षष्ठ उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - सप्तम उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - अष्टम उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हर्षचरितम् - परिशिष्टम्
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
काव्य
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम्
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग २
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ३
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ४
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ५
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ६
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ७
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ८
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ९
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १०
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ११
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १२
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १३
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १४
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १५
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १६
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १७
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १८
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग १
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग २
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ३
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ४
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ५
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ६
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ७
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ८
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ९
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग १०
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग ११
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नारायणीय - भाग १२
"नारायणीय" काव्याचे कवी नारायण भट्ट संस्कृत भाषेतील एक प्रकांड पंडित, प्रतिभाशाली कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रामचरितमहाकाव्य
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रामचरितमहाकाव्य - प्रथमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रामचरितमहाकाव्य - द्वितीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रामचरितमहाकाव्य - तृतीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग २
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ३
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ४
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ५
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ६
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ७
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ८
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ९
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १०
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग ११
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १२
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १३
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १४
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १५
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १६
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १७
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १८
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग १९
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग २०
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग २१
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
रावणवध - भाग २२
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम्
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - प्रथमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - द्वितीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - त्रितीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - चतुर्थः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - पञ्चमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - षष्ठः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - सप्तमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - अष्टमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - नवमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - दशमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - एकादशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - द्वादशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - त्रयोदशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - चतुर्दशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - पञ्चदशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - षोडशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - सप्तदशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
नवसाहसाङ्कचरितम् - अष्टादशः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
शृङ्गारतिलक
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: sa
-
शृङ्गारतिलक - प्रथमः परिच्छेदः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
शृङ्गारतिलक - द्वितीय परिच्छेदः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
शृङ्गारतिलक - तृतीय परिच्छेदः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
प्रास्तविकविलासः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.प्रास्तविकविलासः काव्याचे कवी आहेत,जगन्नाथपण्डित.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
शान्तविलासः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शान्तविलासः काव्याचे कवी आहेत,जगन्नाथपण्डित.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अजामिलमोक्षप्रबन्धः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. अजामिलमोक्षप्रबन्धः काव्याचे कवी आहेत,श्रीनारायणभट्ट.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
अमरुशतक
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
ऊद्धवसन्देश
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
कलिविडम्बना
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे नीलकण्ठ दीक्षित रचित कलिविडम्बना.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
मुग्धोपदेश
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे जल्हण रचित मुग्धोपदेश.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
राधाकुण्डोत्पत्तिवर्णनम्
श्रीविश्वनाथचक्रवर्तिठक्कुरेण विरचितम् राधाकुण्डोत्पत्तिवर्णनम्
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa
-
हंसदूत
ऱुप गोस्वमिन्कृत हंसदूत
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: sa