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प्रतीप अलंकार - लक्षण ३
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प्रतीप अलंकार - लक्षण ४
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रसगड्गाधर - प्रौढोक्ती अलंकार
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प्रौढोक्ती अलंकार - लक्षण १
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प्रौढोक्ती अलंकार - लक्षण २
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रसगड्गाधर - ललित अलंकार
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ललित अलंकार - लक्षण १
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ललित अलंकार - लक्षण २
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रसगड्गाधर - प्रहर्षण अलंकार
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प्रहर्षण अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - विषादन अलंकार
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विषादन अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - उल्लास अलंकार
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उल्लास अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - अवज्ञा अलंकार
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अवज्ञा अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - अनुज्ञा अलंकार
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अनुज्ञा अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - तिरस्कार अलंकार
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तिरस्कार अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - लेश अलंकार
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लेश अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - तद्गुण अलंकार
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तद्गुण अलंका - लक्षण १
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रसगड्गाधर - अतद्गुण अलंकार
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अतद्गुण अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - मीलित अलंकार
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मीलित अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - सामान्य अलंकार
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सामान्य अलंकार - लक्षण १
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रसगड्गाधर - उत्तरालंकार
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उत्तरालंकार - लक्षण १
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रसगंगाधर
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वृत्तदर्पण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उपोध्दात
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अक्षरगणलक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मात्रालक्षण.
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अक्षरगणवृत्तें
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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समवृत्तें - अनुक्रमणिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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विद्युन्माला
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अनुष्टुभ्
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चंपकमाला
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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हंसी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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कामदा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मयूरी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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शुध्दकामदा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उपेंद्रवज्रा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उपजाति
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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शालिनी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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बोधक
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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रथोध्दता
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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स्वागता
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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भद्रिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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भुजंगप्रयात
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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वंशस्थ
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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इद्रवंशा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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तोटक
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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स्रग्विणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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वैश्वदेवी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मालती
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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यूथिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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सारंग
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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प्रभावती
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मंजुभाषिणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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प्रहर्षिणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मत्तमयूरी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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विभावरी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चंद्रिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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वसंततिलकां
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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प्रहरणकलिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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असंबाधा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मध्यक्षमा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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रुक्मिणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मालिनी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चामर
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रमा
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पंचचामर
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चित्रवृत्त
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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शिखरिणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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पृथ्वी
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हरिणी
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मंदाक्रांता
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विबुधप्रिया
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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शार्दूलविक्रीडित
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अमृतध्वनि
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मंदारमाला
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उमा
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मदिरा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मदिरा किंवा सवाई
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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दुसरी सवाई
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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वियोगिनी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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माल्यभारा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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हरिणीप्लुता
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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पुष्पिताग्रा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उपगीतिलक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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आर्यालक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उद्रीतिलक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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गीतिलक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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आर्यगीतिलक्षण
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अभंग छंद
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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दिंडी छंद
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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छंदोमंजरी - समवृत्तें
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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एकाक्षरी वृत्तें - उक्ता
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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दोन अक्षरीं वृत्तें - अत्युक्ता
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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तीन अक्षरी वृत्तें - मध्या
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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चार अक्षरी वृत्तें - प्रतिष्ठा
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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पांच अक्षरी वृत्तें - सुप्रतिष्ठा
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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सहा अक्षरी वृत्तें - गायत्री
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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सात अक्षरी वृत्तें - उष्णिक्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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आठ अक्षरी वृत्तें - अनुष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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आठ अक्षरी वृत्तें - अनुष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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नऊ अक्षरी वृत्तें - बृहती
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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दहा अक्षरीं वृत्तें - पंक्ति
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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दहा अक्षरीं वृत्तें - पंक्ति
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अकरा अक्षरी वृत्तें - त्रिष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अकरा अक्षरी वृत्तें - त्रिष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अकरा अक्षरी वृत्तें - त्रिष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अकरा अक्षरी वृत्तें - त्रिष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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बारा अक्षरी वृत्तें - जगती
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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बारा अक्षरी वृत्तें - जगती
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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बारा अक्षरी वृत्तें - जगती
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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चौदा अक्षरी वृत्तें - शक्वरी
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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चार अक्षरी वृत्तें - प्रतिष्ठा
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सोळा अक्षरी वृत्तें - अष्टि
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सतरा अक्षरी वृत्ते - अत्यष्टि
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अठरा अक्षरी वृत्ते - धृति
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एकोणीस अक्षरी वृत्तें - अतिधृति
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वीस अक्षरी वृत्ते - कृति
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एकवीस अक्षरी वृत्तें - प्रकृति
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बावीस अक्षरी वृत्ते - आकृति
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तेवीस अक्षरी वृत्तें - विकृति
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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चोवीस अक्षरी वृत्तें - संस्कृति
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पंचवीस अक्षरी वृत्तें - अतिकृति
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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सव्वीस अक्षरी वृत्ते - उत्कृति
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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छंदोमंजरी - अर्धसमवृत्तें
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अर्धसमवृत्तें - १५४ ते १६०
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अर्धसमवृत्तें - १६१ ते १६५
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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अर्धसमवृत्तें - १६६ ते १७५
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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छंदोमंजरी - परिशिष्ट अ
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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वृत्तरत्नाकरांतील प्रस्तारादि विषयांचें विवेचन
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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प्रस्तारप्रत्यय:
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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नष्टप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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उद्दिष्टप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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एकव्द्यादिलगक्रियाप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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संख्यानप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अध्वप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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छंदोमंजरी - परिशिष्ट आ
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ छंदोमंजरीप्रारंभ :
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ खंडमेरुसंज्ञार्थमत्कृतं सूत्रम्
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ सुमेरुसंज्ञार्थ सूत्रम्
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथतिलघुक्रियाप्रस्तारे श्लोकसूत्रम्
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ संख्यानम्
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ नष्टोद्दिष्टकम्
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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अथ नष्टप्रत्यय
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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छंदोमंजरी
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास ’ वृत्त ’ असे म्हणतात.
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छंदोमंजरी - परिशिष्ट इ
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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छंदोमंजरी - उपोद्घात
वृत्त म्हणजे कांहीं नियमित अक्षरांत लघु- गुरुंची विशिष्ट क्रमानें रचना करुन दाखविणें.
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लोक कथा - भाग १
प्रस्तुत लोक कथा ‘ जनलोकांचा सामवेद ‘ या पुस्तकांतून घेतलेल्या आहेत.
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भगवती उषा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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भावगंगा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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रत्नागिरीचा राजा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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नवस
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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शिवलिंगाची पूजा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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अंजनीचा बाळ
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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जनलोकांचा धनी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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पृथ्वीखंड सावळा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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केशराजाची रुक्मिणी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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भिम्मकबाळी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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पंढरीची माहेरवाशीण
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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विठूरायाची नगरी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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पतिव्रतेची पूजा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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देवा अभंग बोलावा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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गणगोत
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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महापूर
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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दर्शन
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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अमृताचाद्रोण
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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लक्ष्मी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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खुळी काठी
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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हरहर महादेव
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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जगदंबेचा केदार
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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पुरुषोत्तम
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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कौसल्येचा राम
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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धरित्रीची लेक
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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लोक कथा
लोककथा तत्कालीन सामाजात चालीरीती कशा असतात याचे वर्णन करतात. तसेच समाजाचे नीती नियम यांचा उहापोह करतात.
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अंधारातील लावणी
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १ ली - सोडुन सर्व लागले मीं तुमच...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी २ री - कां निद्रा केलीस मंचकीं म...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ३ री - आल्याविण राहावेना, तुसाठी...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ४ थी - लागलें वेड मज तुझ्या प्री...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ५ वी - सख्या, चल घरिं माझ्या । घ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ६ वी - स्त्रीचरित्र यापरि श्रवण ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ७ वी - आवड हीच कीं तुझ्या बसावें...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ८ वी - रूप जैसा ऐना, चकचकाट पाहु...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ९ वी - चल दुर हो पलिकडे सुकाळे ज...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १० वी - निर्लोभ प्रीत माझी माया ट...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी ११ वी - मला पतिपुरुषोत्तमा ! असाव...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १२ वी - गुजगोष्टी कुठवर सांगूं ? ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १३ वी - बेलबागीं नांदतो लक्षमीकां...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १४ वी - भोगुं द्या, प्रीत होउं द्...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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लावणी १५ वी - संताप श्राप हा माफ असावा ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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