संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुराण|श्री स्कंद पुराण|प्रभासखण्ड|प्रभासखण्डे अर्बुदखण्डम्| अध्याय ४५ प्रभासखण्डे अर्बुदखण्डम् विषयानुक्रमणिका अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अर्बुदखण्डम् - अध्याय ४५ भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे. Tags : puransanskrutskand puranपुराणसंस्कृतस्कन्द पुराण अध्याय ४५ Translation - भाषांतर ॥ पुलस्त्य उवाच॥देवखातं ततो गच्छेत्सुपुण्यं तीर्थमुत्तमम्॥यत्ख्यातिर्विबुधैः सर्वैः स्वयमेव व्यधीयत ॥१॥तत्र यः कुरुते श्राद्धममावास्यां विशेषतः॥कन्यागते रवौ राजन्स लभेत्परमं पदम्॥पितॄन्स तारयत्येव प्राप्तानपि सुदुर्गतिम्॥ २॥इति श्रीस्कांदे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां सप्तमे प्रभासखण्डे तृतीयेऽर्बुदखण्डे श्रीदेवखातोत्पत्तिमाहात्म्यवर्णनंनाम पंचचत्वारिंशोऽध्यायः ॥४५॥ N/A References : N/A Last Updated : February 03, 2025 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP