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by-degrees
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progressively
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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gradually
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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encroaching
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insensibly
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instilled
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जसजसा
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क्रामेतरक
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encroach
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gradation
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propagated
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jog
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ooze
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pad
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step
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व्यासशिक्षा - प्रग्रहप्रकरणम्
प्रस्तुत ग्रंथाचा रचनाकाल विभिन्न विद्वानांनी ईसवीसन पूर्व १००० ते ईसवीसन पूर्व ५०० सांगितलेला आहे.
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insinuate
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propagate
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pace
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lapse
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degree
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gain
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one
Meanings: 15; in Dictionaries: 4
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः ३८
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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पञ्चमोऽध्यायः - श्लोक २२१ ते २४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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नानार्थवर्गः - श्लोक ६५२ ते ६८३
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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चिकित्सक
Meanings: 14; in Dictionaries: 11
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श्रीशक्तिसङ्ग्मतन्त्रम् - द्वादशः पटलः ।
तंत्र शास्त्र भारताची एक प्राचीन विद्या आहे. तंत्र ग्रंथ भगवान शिवाच्या मुखातून प्रकट झाले आहेत. त्यांना पवित्र आणि प्रामाणिक मानले आहेत. Tantra shastra is a secret and most powerful science of the Indian culture and religion. It is a most powerful science which Indian Rushis have practised for centuries and still it is in practise.
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अंशुमत्काश्यपागमः - मृत्संस्कारविधिपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ.
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स्थितिप्रकरणम् - सर्गः ४६
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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वाक्यकांड - भाग १०
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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आदिप्रकरण - अध्याय पांचवा
निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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चाटुप्रवाहवीचयः - सुभाषित १४८१ - १५००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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कक्षा
Meanings: 34; in Dictionaries: 11
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process
Meanings: 185; in Dictionaries: 27
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः १८
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १४४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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चर्यापदः - पवित्रारोहण विधिपटलः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ४१
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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अथ चर्यापादः - पवित्रारोहण विधिपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय तिसरा
निर्मला गणेश जोशी विरचित श्रीमद् जगद्गुरु श्रीमद् आद्यशंकराचार्य यांचे पोथी चरित्र
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चमत्कारचन्द्रिका - चतुर्थो विलासः
श्रीहरिची माला आणि श्रीराधाचा मुक्ताहार यांची ही कथा आहे.
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अथर्ववेदः - काण्डं १०
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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उत्तरभागः - अध्यायः १६
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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वामनपुराण - अध्याय ९२ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १८३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः ५३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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मुमुक्षुव्यवहारप्रकरणम् - सर्गः ११
योगवासिष्ठः
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नारदपरिव्राजकोपनिषत् - चतुर्थोपदेशः
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः ५४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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