हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार|
चहौं बस एक यही श्रीराम । ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - चहौं बस एक यही श्रीराम । ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

चहौं बस एक यही श्रीराम ।

अबिरल अमल अचल अनपाइनि, प्रेम-भगति निष्काम ॥

चहौं न सुत-परिवार, बंधु-धन, धरनी, जुवति ललाम ।

सुख-वैभव उपभोग जगतके चहौं न सुचि सुरधाम ॥

हरि-गुन सुनत सुनावत कबहूँ, मन न होइ उपराम ।

जीवन-सहचर साधु-संग सुभ, हो संतत अभिराम ॥

नीरदनील नवीन बदन अति सोभामय सुखधाम ।

निरखत रहौं बिस्वमय निसिदिन, छिन न लहौं बिस्राम ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : May 24, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP