हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार|
बना दो विमलबुद्धि भगवान ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - बना दो विमलबुद्धि भगवान ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

बना दो विमलबुद्धि भगवान ।

तर्कजाल सारा ही हर लो, हरो सुमति-अभिमान ।

हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर मिथ्या मान ॥

कलुष काम-मति कुमति हरो, हे हरे ! हरो अज्ञान ।

दम्भ, दोष, दुर्नीति हरण कर करो सरलता दान ॥

भोग-योग अपवर्ग-स्वर्गकी हरो स्पृहा बलवान ।

चाकर करो चारु चरणोंका नित ही निज जन जान ॥

भर दो ह्रदय भक्ति-श्रद्धासे, करो प्रेमका दान ।

कभी न करो दूर निज पदसे मेटो भवका भान ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : May 24, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP