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सुन्यो तेरे पतितपावन नाम ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - सुन्यो तेरे पतितपावन नाम ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

सुन्यो तेरे पतितपावन नाम !

अजामिल-से पतितकों तैं दियो अपने धाम ॥

ब्याध-खग-मृग जे रहे नित धरमतें उपराम ।

किये पावन अति पतित ते भये पूरनकाम ॥

कठिन कलिके काल अपि तारे अनेक कुठाम ।

धरमहीन, मलीन, पातक निरत आठों जाम ॥

पाप करत उछाह जुत, मम मन न लीन्ह बिराम ।

तदपि अजहुँ न मोहि तारयो, किमि बिसारयो नाम ॥

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Last Updated : May 24, 2008

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