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स्यामने मुरली मधुर बजाई ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - स्यामने मुरली मधुर बजाई ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

स्यामने मुरली मधुर बजाई ।

सुनत टेरि, तनु सुधि बिसारि सब गोपबालिका धाई ॥

लहँगा ओढ़ि ओढ़ना पहिरे, कंचुकि भूलि पराई ।

नकबेसर डारे स्त्रवननमहँ अदभुत साज सजाई ॥

धेनु सकल तृन चरन बिसारयो ठाढ़ी स्त्रवन लगाई ।

बछुरनके थन रहे मुखनमहँ सो पय-पान भुलाई ॥

पसु-पंछी जहँ-तहँ रहे ठाढ़े मानो चित्र लिखाई ।

पेड़ पहाड़ प्रेमबस डोले, जड़ चेतनता आई ॥

कालिंदी-प्रबाह नहिं चाल्यो, जलचर सुधि बिसराई ।

ससिकी गति अवरुद्ध, रहे नभ देव बिमानन छाई ॥

धन्य बाँसकी बनी मुरलिया बड़ो पुन्य करि आई ।

सुर-मुनि दुरलभ रुचिर बदन नित राखत स्याम लगाई ॥

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Last Updated : September 25, 2008

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