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स्याम मोहि तुम बिन कछु न्...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - स्याम मोहि तुम बिन कछु न्...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।


स्याम मोहि तुम बिन कछु न्सुहावै ।

जब तें तुम तजि ब्रज गये, मथुरा हिय उथल्योई आवै ॥

बिरह बिथा सगरे तनु ब्यापी, तनिक न चैन लखावै ।

कल नहिं परत निमेष एक मोहिं, मन-समुद्र लहरावै ॥

नँद-घर सूनो, मधुबन सूनो, सूनी कुंज जनावै ।

गोठ, बिपिन, जमुना-तट सूनो, हिय सूनो बिलखावै ॥

अति बिह्वल बृषभानुनंदिनी, नैननि नीर बहावै ।

सकुच बिहाइ पुकारि कहति सो, स्याम मिलैं सुख पावै ॥

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Last Updated : May 24, 2008

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