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मन सत -संगति नित कीजै । ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - मन सत -संगति नित कीजै । ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।


मन सत-संगति नित कीजै ।

संत-मिलन त्रय-ताप नसावन, संतचरण चित दीजै ॥

संतन निकट नित्यप्रति जइये, हरिनामामृत पीजै ॥

संतनि सकल भाँति नित सेइय, सब बिधि मुदित करीजै ॥

संतन महँ बिस्वास करिय नित, श्रद्धा अतिसय कीजै ।

संतहि नित हरिरूप निहारिय, संत कहे सोइ कीजै ॥

हरिको सकल मरम ते जानहिं, तिनसौं सब सुनि लीजै ।

सुनि-सुनि मनमँह धारन कीजै, मन तासों रँगि लीजै ॥

संत सुह्रद जे पंथ बतावैं, तेहि पथ गमन करीजै ॥

झटपट हरिके धाम पहुँचिये, प्रमुदित दरसन कीजै ॥

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Last Updated : May 24, 2008

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