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प्रभु बोले मुसुकाई । जात...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - प्रभु बोले मुसुकाई । जात...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

प्रभु बोले मुसुकाई ।

जाते तोरि नाव रहि जावे, सोइ जतन करु भाई ॥

पाँव पखारु, लाइ गङ्गाजल, अब मत बिलँब लगाई ।

सुनत बचन तेहि छिन सौ दौरयौ, मनमहँ अति हरखाई ॥

भरयौ कठौता गङ्गाजलसों सब परिवार बुलाई ।

प्रभु-पद आइ पखारन लाग्यो, उर आनँद न समाई ॥

सुरन बिलोकि प्रेम-करुना अति, नभ दुंदुभी बजाई ।

केवट भाग्य सराहिं अमित बिधि, सुमन बृष्टि झरि लाई ॥

पद पखारि, सब लै चरनामृत, पुरुखन पार लँघाई ।

सीता लखन सहित रघुनंदन, हरषित नाव चलाई ॥

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Last Updated : September 25, 2008

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