मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ८५ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ८५ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ८५ Translation - भाषांतर [‘मूतमिनखान फिद्वी आलमगीर बादशाह घाझी १११ ..... ’ असा वा.फा.शि] श.१६१८ आषाढ व.१४इ.१६९६ जुलै १७बजानेव आमिलान व कारकुनान हाल इस्तकबाल व देशमुख व आदिकारियांनीव देशपांडे व सेटे माहाजनान बंदर मामले मुर्तजाबाज उर्फ चेऊल कोंकण निजामन मुळीकी खुबे खुदिस्ते बुंनियाद बिजानद के चूं दरी विला शामजी बिन रामाजी पाणसारा पेंठ रुस्तुमाबाद उर्फ गडगा व कसबे चेऊल येणे हुजुर येऊन अर्ज केला की पेठ मजकूरचें पाणसारेपणाचे वतन आपली मौरुसी आहे पेसजींच्या वतनी संदा होत्या त्या सिवाजी राजे यांचे फितरतीने तफर्का जाल्या त्यास साहेब सेहरवांन होऊन खुदामत भोगवटा चालत आहे त्यामोजीब संनद मरामत करावी म्हणून इलमितास केला त्यावरुन खातीरेस आणितां तुझें वतंन सुदामत आहे हे बाबे जमीदार यांची शाहिदी गुजरली व भोगवटाहि पै दर्पै पेसजींपासून चालतच आहे बरायै माळुमाती खातीरेस आणून नफर मजकुराचे चाकरीवर नजर देऊन याचा हकलाजीमा पानमान कानुकायेदा सुदामत चालत आल्यामोजीब चालो देणे पाणसारेपणाची खिजमत घेणे व ज्याज फरमावीस जमीदाराचे पेशाप्रमाणे पालणुक करणे व खुद निसबत उदीमव्यापार करील त्यास सवाई जकात माफ करणे व छपाजकात व न्याईमनसुबी पेठ मजकुरीं नफर मजकुराचे मोझियाने करीत जाणे जाणिजे नकल घेऊन असल नफर मजकुरास भोगवटियास देणे रवाना छ २७ माहे जिल्हेज सुहुर सन सीत तिसैन व अलफ रवाना छ मजकूर [फा.मोर्तब] N/A References : N/A Last Updated : February 27, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP