मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख २५ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख २५ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख २५ Translation - भाषांतर N/A[काजीचा फार्शी अस्पष्ट शिका]नकल मुताबिक असल श.१५३४ ज्येष्ठ शु. १३इ. १६१२ जून १दसखत बो। वैजे पाटेल बिन पोस पे॥ पाटेल कसबे खाडाले तो मजकूर मामले मुर्तजाबाद ऊर्फ चेऊल सु॥ सलास आसर व अलफ कारणे भैरो माहात्रा बिन अनंत माहात्रा वस्तीं आगर चेऊल यासि आपले आत्मसंतोसे खत फरोख्त लेहून दिधले यैसे जे आपली मिरास पाटेलगी कसबे मजकूरपकीं हे आपण तुम्हांस फरोखत करुन दिधली सबब आपले सिरी लोकांचे कर्ज बेमबलग जाले त्यास आपणास द्यावयास मवसेर नाही व कित्येक कर्जदारीं आपणास हैराण केले द्यावयास मवेसर नाही अंजी सबब आपले आत्मसंतोसे आपली पाटेलगी कसबे मजकूरची तुम्हास फरोख्त दिधली देखील वीर्ती वावेली फरोख्त दिधली याची किमत चौघचारे जाहाली लारी बसरी १००० येक हजार ते आपणास पावली सदरहु वतन कसबे मजकूर याचा हक लाजीमा कदीम आहे मुलुक सिरिस्तेमोजीब घेऊन भी [ग] वटा तुम्ही आपले अवलाद अफलाद् करणे आपणासी व आपले अवलाद व अफलादेसी निसबत नसे कोण्ही दगदावा करील तर आपण सोडऊन देऊन हे आपले खत फरोख्त सही [फा.मो.] मुरत्तब शुद[बाजूस मोकळ्या जागेंत] रीप नागर वैज पाटेल बिन पो पाटेल कसबे खाडाले [कागदामागें]लारी बसरी १०००साक्षे रामाजी रंगानाथ देसाई तावजी नागोजी देसाई व देसकुलकर्णीमामले चेऊल व अदिकारी तो अस्टागरव तो झिराड मामले मजकूर साक्षे गोंदम॥ मौजे कारले साक्षे हरी वर्तक म॥मागांव साक्षे काल माहात्री मौजे [लो} हारेछं ११ रविलखर-सुडक ठाकूर अदिकारीसाक्षे जोग म॥ मौजे बेसवीसाक्षे अर्ज म। मौजे कुरुलसाक्षे वीट म॥ मौजे बेलकर्डेसाक्षे कृष्ण पो पाखारीवैजाली माहाल आगर चऊल N/A References : N/A Last Updated : February 22, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP