मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ८ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ८ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ८ Translation - भाषांतर पहिल्या ओळीनंतर डावे अंगास थोडी मोकळी जागा]श. १४९८ इ. १५७६ई कौलू दादे देसक व आपाजि माहाद प्रभु देसाई व कुलकरनी व रामाजी वागदेऊ देसाई मामले मुर्तजाबाद चेऊल सहुर सन सबा सबैन व तिसा मैया कारणे बाला सेटी बिन गोज सेटी कासार सेटिये सिवां अक (रा) तुम्ही अर्जदास्त व मकसूदनामा लेहोन पाठविला येसा जे आपला हकलाजिमा आपले दिप्ततेचे लोकांवरी आहे दिवाणीचा महसूल टाकसाली पूर्वी दिवाण महसूल उगवणी टाकसाली घेत तैसेची आपला हक लाजिमा टाकसाली घेऊनु दिवाण महसूल बुजरुखी घेऊ लागले तेसेची आपला हक लाजिमा बुजरुखी घेऊ लागळो आता दिवाणं रेवदंडेबावरी आले ते तागाईत महसूल टाकसाली माहालामधे उगवणी होत कासार आपला हक लाजिमा टाकसाली देत नाही सिरजोरी करिताती आपले अकरा सिवांचे न्याव मूनसफी व खडदंड साळाबाज चालिले आहे तैसेची चालत नाही सिरजोरी करिताती म्हणौन खोज अनायेत सरसमत मामले मजक्रुरु यापासी ये बाबेची अर्दास व मकसूदनामा पाठविला त्यावरुन तुम्हांस कौळुनामा सादर केला आम्ही तुम्हासी लेहोन दिधले जे माहालामध्ये महसूल टाकलांली उगवणी होते तैसीची कासार बालाघाटी व तुमचे दिमतीचे लोक यापासीं टाकसाली टके घेत जाणे व तुमचे लोकाचे खंडदंड न्याव मुनसफी जैसे सालाबाज चालिले आहे तैसेची चालवीजे व आगाकुलीचा कौलु दीधला आहे तो पाठउनु व तुमचे दिमतीचे लोकापासी खर्च वेच देउनु तुम्ही सुखे गावात्गी वस्ती कीजे कोण्हेबाबी ताळुक अंदेसा न कीजे N/A References : N/A Last Updated : February 11, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP