मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ७३ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ७३ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ७३ Translation - भाषांतर [आरंभी ‘खैरियतखान बन्दह बादशाह आलमगीर सनह २५,१०९३’ असा वा.फा.शि]श.१६११ कार्तिक वद्य ९इ.१६८९ आक्टो. २६असा वा.फा.शि.]अज रख्तखाने खैरयेतखान कोट जजिरे राजपुरी बजानेच हवालदार व कारकुनानी व खोतानी व रयानी हाल व इस्तकबाल तो मामळे मामळे चेऊल मालुम बाशद के सु॥ तिसैन अलफ म॥ दादाजी [माहाद] जी देसाई व देसकुलकर्णी मामळे मुर्तजाबाद उर्फ चेऊल याचे तपेकुलकर्ण तपे मजकुरीचे कदीमुलाआयाम चालत असे यैसियासी साल मजकुरी म॥ दादाजी हुजूर येऊनु अर्ज केला त्यावरुन याचे कुलकर्ण याचे हवाले केळे असे तरी साल मजकुराप्रमाणे दिवाणातून हक रयेत नि॥ बा॥ साल गुदाप्र॥ देविला असे तेणेप्रो चाकरी घेउनु देणे पेस्तर साली याचा कदीम हकलाजिमा नक्ष व गला रयेतनि॥ मातकदम चालिला आहे तेणेप्र॥ रयेतीना पावता करवणे आणि कुलकर्णपणाची चाकरी घेणे म॥ निळे आपळे तर्फेन मुतालिक जो कुलकर्ण चालाववयासि पाठवील याचे हातून चाकरा घेत जाणे तालिक लिहून घेउनु असल फिराउनु देणे छ २२ मोहरम मोर्तब सुद [ष.ब.फा.मो.] [कागदामागें] पो छ १४ माहे सफर N/A References : N/A Last Updated : February 27, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP