मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ६७ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ६७ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ६७ Translation - भाषांतर N/Aश्री श.१६०८ ज्येष्ठ शु.७इ.१८८६ मे १९राजमान्ये राजश्री दादाजी माहादेव देसकुलकर्णी मामले चेऊल यासी नीलकंठ मोरेस्वर सुहुर सन सीत समानीन अलफ तुम्ही बखैर पाठविली लिहिले की आपणावर राजाज्ञा कडून सवासे होनाची वराल जाली अफराद येऊन आटाआट बहुत केली आहे कृपाळु होऊन मनारोखा पाठविला पाहिजे म्हणून तपसिलें लिहिले विदित जाले त्यावरुन राजश्री ....... पंतास पत्र लेहुन पाठविले असे व अफरादास [मना] रोखा पाठविला असे तरी त्यास देऊन वाटेस लावणे त्यास काही आदा न करणे जाणिजे छ ६ रजब [नि.] आज्ञाप्रमाण वरातच बजिनस ...... दापासी पाठउनु देणे हुजूर आम्ही पाठउनु देणे हुजूर आम्ही पाठउनु आज्ञाप्रमाण [‘ ले। खना । वधिमु । द्रा’ असा ब.मो.][कागदामागे] सुरु सुद N/A References : N/A Last Updated : February 25, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP