मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ६८ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ६८ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ६८ Translation - भाषांतर श.१६०८ माघ शु.७इ. १६८७ जाने.१०॥ र्द मश [हुरल] अनाम देसमुख व अदिकारी व देसकुलकर्णी व रयेतानी मामले चेऊल यासि जिवाजी हरी सुभेदार व कारकून सुभा किलेहाये तर्फ सुधागड सु॥ सबा समानीन अलफ तुम्ही राजेश्री रायाजी सदक प्रभु सुभेदार मामले मजकूर व दताजी विठल मजालसी सुभा याबरोबर आपला मुदा तपसिलवार तेहुन पाठविला तो आवघा आम्ही राजेश्री तुलजोजी - गे सरसुभेदार नामजाद प्रात चेऊल व र॥ नरसो सुरो सुभेदार [मा] मले मार बैसोनु कलामाचे कलम मनासी आणून तुम्हास येकदर तपसिलवार मुदियाप्रमाणे कौल सुभा माहालानिहाये कौल सादर केला आहे तेण्हेप्रमाणे तुम्ही येउनु गावाचा गाव मामुरा करणे कीर्द मशा .................ची बेगमी करुन स्वामीकार्ये [करणे कीर्द करणे] तुम्ही याउपर स्वामीकार्यास हरकत फितवा सर्वथा न करणे तुम्हास वरातदाराचा तकादा होता तोही दूर केला आहे कोण्ही वरातदारही तगादा लावणार नाही हर येकविसी तुमचे बालउनु सर्वथा आम्हापासून अतर पडणार नाही तुम्ही आपले समाधान असो देणे बहुत र॥ छ ५ रबिलोवल [नि] मोर्तब सुद [षा.मो][समासांत ‘एषा श्रीशंभु । भूपेंद्र सेवकस्य वि। वि राजते मुद्रा श्रिहरि। पुत्रस्य जिवाजीक। स्य सौख्यदा’ असा गोल शिक्का] N/A References : N/A Last Updated : February 25, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP