मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख २९ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख २९ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख २९ Translation - भाषांतर N/A[फार्शी शिक्का व मजकूर]श.१५४०-४१इ.१६१८-१९बो नफरानीआउजी सुतार बिन अर्ज सुताप॥ दाखुलदादू वारीक बिन तान वारीकप॥ मरुड[फांदीचें चित्र] कान्हा वारीक बिन दाद वारीकप॥ मरुड[फांदीचें चित्र]- सुतार बिन तान सुतारप॥ दाखुल[फांदीचें चित्र]घाग माहात्रा बिन राम माहात्रा प॥ मरुडलखमनाक बिन वैजनाकप॥ दखल[फांदीचें चित्र]फार्शी दोन ओळी [आडव्या]जवर माहात्रा बिन भिक माहात्राप॥ मरुड[फांदीचें चित्र]सो ... गाव नजीक कोट रेवदडा मामले मुर्तजाबाद उरुफ चेऊल सु॥ तिसा असर अलकु कारणे राजश्री ताउजी नागोजी प्रभु देसाई व कुलकरर्णी व अदिकारी तो अस्टागर व तपे झिराड मामले मजकूर यास आपले आत्मसुखे कतवा लेहून दिला येसाजे तीगावचे प्रांसीताचे रोखे आपले न्यातीचे लोक तुमचे वडील आपाजी देसाई तागाईत कदीम घेऊन प्रांसीत देत असो सालाबाद हे मिरास तुमचे वडिलाची सही आम्हास ठाउकी आहे कोरलाचे फितरती अलिकडे तुम्ही नादानं होतेस कोण्ही कमावीस करणार नव्हता तुमचे घरी म्हणौन सुडक ठाकूर अदिकारी तप ६ हे कमावीस देसकपणाची करु लागले या तागाईत रोखे प्रांसीताचे देत हाली तुम्ही मिरासी कदीम आपल्या मिरासाचा ... वि. ... तर सलमजकुरापासून प्रांसीताचे रोखे तुमचे घेऊन प्रासीत देत जाणे ... उजी अदिकारी यासी निसबत नाही यास हिला हरकत कर अगर दुसरेयाचा रोखा घेऊन प्रांसीत चालऊ तर दिवाणचे गुण्हेगार व तुमचे मिरासेयाचा जाब करुन हा कतबा सही [फा.मो.]गाही मुलां हुसेन N/A References : N/A Last Updated : February 22, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP