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गन्तव्यम्
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सुदूरवर्तिन्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वाहनपथः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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पिधातव्य
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वितस्ताकोपवर्णनम्
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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अनर्विश्
Meanings: 5; in Dictionaries: 2
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अन्यतः
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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मार्गः
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
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पंचभिः सह गंतव्यम्
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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श्रीरमणगीता - अथ दशमोऽध्यायः ।
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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श्यामादि पूजावर्णनम्
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २९-३०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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अन्यत
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स्थितिप्रकरणम् - सर्गः ६१
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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सुबालोपनिषत् - षष्ठः खण्डः
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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incumbent
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must
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २१४
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ८३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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have
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
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चाणक्यनीतिदर्पणाः - सप्तमोऽध्यायः
आर्य चाणक्यने आपल्या नीतिशास्त्र या ग्रंथात आदर्श जीवन मूल्ये सविस्तर सांगितली आहेत.
Nitishastra is a treatise on the ideal way of life, and shows Chanakya's in depth study of the Indian way of life.
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मुमुक्षुव्यवहारप्रकरणम् - सर्गः ८
योगवासिष्ठः
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ६४
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ११९
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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चाणक्यनीतिदर्पणः - सप्तमोऽध्यायः
चाणक्यनीतिदर्पणः
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विधीः - संक्षिप्त भोजन विधि:
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान, पूजा, संध्या, देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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पीडित
Meanings: 42; in Dictionaries: 7
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ८
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ४२
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ५८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः २१०
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः २१८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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प्रौढानुभूतिः
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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नलोपाख्यानम् - नवदशोsध्याय:
` नलोपाख्यन ` ही नल आणि दमयंती यांची महाभारतातील एक सुरेख प्रेमकथा आहे.
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राज्ञ: संवत्सराभिषेकवर्णनम्
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः १७७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्रीशक्तिसङ्ग्मतन्त्रम् - एकोनचत्वारिंशतिः पटलः ।
तंत्र शास्त्र भारताची एक प्राचीन विद्या आहे. तंत्र ग्रंथ भगवान शिवाच्या मुखातून प्रकट झाले आहेत. त्यांना पवित्र आणि प्रामाणिक मानले आहेत. Tantra shastra is a secret and most powerful science of the Indian culture and religion. It is a most powerful science which Indian Rushis have practised for centuries and still it is in practise.
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सर्ग आठवा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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help
Meanings: 22; in Dictionaries: 5
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द्रुत
Meanings: 45; in Dictionaries: 9
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ४८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १५०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ५१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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विष्णुधर्माः - अध्याय ६२
विष्णुधर्माः
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चाणक्य-सूत्राणि - षष्ठोऽध्यायः
नीतिवर्णनात्मक संस्कृत ग्रंथांमध्ये, चाणक्य-नीतिदर्पण ग्रंथाचे महत्वपूर्ण स्थान आहे. जीवन सुखमय आणि ध्येयपूर्ण बनविण्यासाठी, विविध विषयांचे वर्णन या ग्रंथात आहे. व्यवहार संबंधी सूत्रे तसेच राजनीति संबंधी श्लोकांचा यात समावेश आहे.
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उच्चावचप्रवाहवीचयः - सुभाषित २१०१ - २१२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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अमृतनादोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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भविष्यपर्व - सप्ताधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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