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सुप्रिया
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ُسُوپریہ
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سُوپریہ
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ସୁପ୍ରିୟା
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সুপ্রিয়া
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ਸੁਪ੍ਰਿਆ
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ସୁପ୍ରିୟା ଅପ୍ସରା
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સુપ્રિયા
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سُپِرٛیا
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सुप्रिया जाधव - दुरून सगळे कुठे कुणाला कळ...
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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विणकामाची सुई
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वास्तुदेवतास्थापनम्
सर्व पूजा कशा कराव्यात यासंबंधी माहिती आणि तंत्र.
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नागरखण्डः - अध्याय १९५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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व्रतोदयान - प्रासादादिवास्तुप्रकार:
ऋग्वेदीयब्रह्मकर्मसमुच्चयः
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भूमिखंडः - अध्यायः ७९
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः २२
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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भूमिखंडः - अध्यायः ११८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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सप्तशीतितमः पटलः - परनाथाअष्टोत्तरसहस्त्रनामा्नि १
परनाथाअष्टोत्तरसहस्त्रनामा्नि
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अध्याय पाँचवा - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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भूमिखंडः - अध्यायः ११९
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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भविष्यपर्व - षट्त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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पार्वतीखण्डः - अध्यायः २५
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३३८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३६८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम् - अध्याय ५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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भूमिखंडः - अध्यायः ७८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ७७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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भविष्यपर्व - सप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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प्रभासक्षेत्र माहात्म्यम् - अध्याय १९९
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ५८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ९६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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भूमिखंडः - अध्यायः ७७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५४३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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प्र.के.अत्रे - शृंगाररस काव्याचे निज ब...
प्रल्हाद केशव अत्रे (१३ऑगस्ट १८९८ - १३ जून १९६९) हे मराठीतील नावाजलेले लेखक, कवी, नाटककार, मराठी व हिंदी चित्रपट निर्माते, चित्रपट कथाकार, चरित्र लेखक, शिक्षणतज्ञ, संपादक, पत्रकार, राजकारणी, हजरजबाबी वक्ते आणि संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीचे एक प्रमुख नेते होते.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४३६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३७८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ५२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कौमारिकाखण्डः - अध्यायः ४५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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श्रीनाथलीलामृत - अध्याय १३ वा
नाथसंप्रदाय भारताच्या सांस्कृतिक इतिहासांत महनीय स्थान पावलेला संप्रदाय आहे.
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः १७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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श्री नारदीयमहापुराणम् - एकोनाशीतितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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कश्यप
Meanings: 81; in Dictionaries: 9
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मध्यम भागः - अध्यायः ७
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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अथर्ववेदः - काण्डं ७
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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