संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|धर्मः|ब्रह्म सूत्राणि|द्वितीयोध्यायः| तृतीयाः पाद:| सूत्र २३ तृतीयाः पाद: सूत्र १ सूत्र २ सूत्र ३ सूत्र ४ सूत्र ५ सूत्र ६ सूत्र ७ सूत्र ८ सूत्र ९ सूत्र १० सूत्र ११ सूत्र १२ सूत्र १३ सूत्र १४ सूत्र १५ सूत्र १६ सूत्र १७ सूत्र १८ सूत्र १९ सूत्र २० सूत्र २१ सूत्र २२ सूत्र २३ सूत्र २४ सूत्र २५ सूत्र २६ सूत्र २७,२८ सूत्र २९ सूत्र ३० सूत्र ३१ सूत्र ३२ सूत्र ३३-३५ सूत्र ३६-३७ सूत्र ३८-३९ सूत्र ४० सूत्र ४१ सूत्र ४२ सूत्र ४३ सूत्र ४४-४५ सूत्र ४६ सूत्र ४७ सूत्र ४८ सूत्र ४९-५० सूत्र ५१-५३ तृतीयाः पाद: - सूत्र २३ ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत. Tags : bookbrahmasutradharmaधर्मब्रह्मसूत्र सूत्र २३ Translation - भाषांतर अविरोधश्वन्दनवत् ॥२३॥नन्वपुत्वे सत्येकदेशस्थस्य सकलदेहगतोपलब्धिर्विरुध्यते ।दृश्यते च जान्हवीहरदनिमग्नानां सर्वाङगशैत्योपलब्धिर्निदागसमये च सकलशरीरपरितापोपलब्धिरित्यत उत्तर पठति ।अविरोधश्चन्दनवत् ॥यथाहि हरिचन्दनबिन्दु: शरीरिअकदेशसंबन्धोऽपि सन्सकलदेहव्यापिनमाहलादं करोत्येवमात्मापि देहैकदेशस्थसकलदेहव्यापिनीमुपलब्धिं करिष्यति ।त्वक्संबन्धनाच्चास्य सकलशरीरगता वेदना न विरुध्यते ।त्वगात्मनोर्हि संबन्ध: कृत्स्नायां त्वचि वर्तते । त्वक्च कृत्स्नशरीरव्यापिनीति ॥२३॥ N/A References : N/A Last Updated : December 10, 2014 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP