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दुर्मुख
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दुर्मूख
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دُرمُکھ
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ਦੁਰਮੁਖ
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ଦୁର୍ମୁଖ
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दुर्मुखः
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দুর্মুখ
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દુર્મુખ
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ദുര്മുഖന്
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دُرمُک
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دورمکھ
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scurrile
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धर्मसिंधु - दोन प्रकरणांचा निर्णय
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयांत नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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मल्हारी मार्तंड विजय - अध्याय नववा
श्री माणिकप्रभु विरचित श्री मल्हारी मार्तंड विजय.
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साठ संवत्सर
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खंड ६ - अध्याय २९
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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foul
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बृहदुक्थ
Meanings: 9; in Dictionaries: 3
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पंचाल
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पुरुजित्
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emotion
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महागणपतिस्तोत्रम् - योगं योगविदां विधूतविविधव...
महागणपतिस्तोत्रम् Another type of Ganesh stotra
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एकनाथी भागवत - श्लोक ३८ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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अध्याय दूसरा - श्लोक १६१ से १८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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विनय पत्रिका - श्री रंग स्तुती २
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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संवत्सर
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evil
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चूर
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पांचाल
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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सुतसोम
Meanings: 9; in Dictionaries: 6
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गणेशकवचम् - ॥ गौर्युवाच ॥ एषोऽतिचपलो...
गणेशकवचम् Ganesh Kavacham is a type of Ganesh Stotra
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सहस्त्र नामे - श्लोक ५१ ते ५५
श्रीगणेशाच्या सहस्त्रनामांचे मराठी अर्थ.
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६०
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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विद्यागणपतिरहस्यम् - अध्याय ३ रा
प्रस्तुत पोथी म्हणजे गणेशप्राप्तीची इच्छा करणार्यांना अत्यंत आवश्यक असें पूजाविधान.
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एकाक्षरगणपतिकवचम् - नमस्तस्मै गणेशाय सर्वविघ्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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विजयादशमी कथा
घटस्थापना किंवा नवरात्रोत्सव म्हणजे ब्रह्मांडातील आदिमायेची आश्विन महिन्यात नंदादीप तेवत ठेऊन मनोभावे पूजा करणे.
Navratri is a Hindu festival, during which nine days and nights, nine forms of Shakti i.e. female divinity are worshipped.
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गीत महाभारत - भीम-विषप्रयोग
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
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संकेत कोश - संख्या ६०
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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पदसंग्रह - पद ५४
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
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hard
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विश्र्वरूप
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १६५
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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प्रथम परिच्छेद - काळाचे भेद
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल, याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे.
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संवत्सर
ज्योतिष हा विषय वेदांइतकाच प्राचीन आहे.
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श्रीगणेशसहस्त्रनाम - श्लोक ५१ ते ६०
विश्वातील सर्व कारणांचे कारण असणारा असा सर्वात्मा , वेदांनी ज्याची महती गायली आहे , सर्वप्रथम पूजनीय असणार्या अशा गणेशाला मी वंदन करितो .
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ग्रंथमहिमा - दु:खाला जे विसरवनिया दिव्...
साने गुरूजींचे संपूर्ण नाव - पांडुरंग सदाशिव साने
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सहस्त्र नामे - श्लोक ६ आणि ७
श्रीगणेशाच्या सहस्त्रनामांचे मराठी अर्थ.
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दुर
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बृहत्संहिता - अध्याय ८
शके ८८८ फाल्गुन कृष्ण द्वितीया गुरुवारी उत्पलनामकाने ही टीका केली.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ५ - अध्याय १०
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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