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आदित्यः
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আদিত্য
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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આદિત્ય
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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ଆଦିତ୍ୟ
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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آدتیہ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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आदित्य
Meanings: 60; in Dictionaries: 12
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আদিত্য ছন্দ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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آدِتیہٕ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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آدِتیہ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ਆਦਿਤਅ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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آدِتیے
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sun
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
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surya
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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श्री हयग्रीवाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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god
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
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मण्डल १ - सूक्तं १९१
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय १९
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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सूर्योपनिषत्
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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श्रीसूर्याथर्वशीर्षम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
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आदित्यहृदयस्तोत्रम् - ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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खण्डः २ - अध्यायः १६९
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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लघुसिद्धान्तकौमुदी - भाग १०
‘लघुसिद्धान्तकौमुदी’ पाणिनीय संस्कृत व्याकरणाची एक (अष्टाध्यायी) परम्परागत प्रवेशिका आहे. A Complete introduction to Panini Sutras for the use of beginners.
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आदित्यहृदय स्तोत्र - सूर्य पूजनविधि आवाहन ॐ ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ३१
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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अथान्हिकादिप्रकरणम् - मंत्रपुष्पाञ्जलिमंत्राः
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
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वराहपुराणम् - अध्यायः ६२
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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ऐतरेयोपनिषद्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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मयमतम् - अथ सप्तमोऽध्यायः
The Mayamatam is a vastusastra. Mayamatam gives indications for the selections of a proper orientation, right dimensions, and appropriate materials.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः ३१
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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ऐतरेय उपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद् .
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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भूमिखंडः - अध्यायः ३४
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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भविष्यपर्व - षड्विंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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पदकांड - साधनसमुद्देशः
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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मैत्रायण्युपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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प्रभासक्षेत्र माहात्म्यम् - अध्याय १०१
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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ख
Meanings: 141; in Dictionaries: 10
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ऊनविंशति काण्डः - ६ ते १०
पैप्पलादसंहिता
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सुदाम्याचे पोहे - प्रसंग १ ते ५
प्रस्तुत प्रकार हा चित्रकथा आहे , हे वाचल्यावर प्रत्यक्ष त्या काळाचा भास होतो
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सुप्रभेदागमः - सकलप्रतिष्ठाविधि पटलः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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विष्णुपर्व - पञ्चाधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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क्रियापदः - ग्रामादिलक्षण पटलः
सुप्रभेदागमः
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वराहपुराणम् - अध्यायः १७
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय १९
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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अथ क्रियापादः - ग्रामादिलक्षण पटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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अथ क्रियापादः - प्रासादवास्तु लक्षणपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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क्रियापदः - प्रासादवास्तु लक्षणपटलः
सुप्रभेदागमः
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काशीखण्डः - अध्याय ४९
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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प्रभासक्षेत्र माहात्म्यम् - अध्याय १७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ३६
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ९६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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