हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|तुलसीदास कृत दोहावली| भाग २५ तुलसीदास कृत दोहावली भाग १ भाग २ भाग ३ भाग ४ भाग ५ भाग ६ भाग ७ भाग ८ भाग ९ भाग १० भाग ११ भाग १२ भाग १३ भाग १४ भाग १५ भाग १६ भाग १७ भाग १८ भाग १९ भाग २० भाग २१ भाग २२ भाग २३ भाग २४ भाग २५ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २५ रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत. Tags : dohavalidohetulsidasतुलसीदासदोहावलीदोहे भाग २५ Translation - भाषांतर कुसमयका प्रभावतुलसी पावस के समय धरी कोकिलन मौन ।अब तो दादुर बोलिहैं हमें पूछिहै कौन ॥श्रीरामजीके गुणोंकी महिमाकुपथ कुतरक कुचालि कलि कपट दंभ पाषंड ।दहन राम गुन ग्राम जिमि ईंधन अनल प्रचंड ॥कलियुगमें दो ही आधार हैसोरठाकलि पाषंड प्रचार प्रबल पाप पावँर पतित ।तुलसी उभय अधार राम नाम सुरसरि सलिल ॥भगवत्प्रेम ही सब मङ्गलोंकी खान हैदोहारामचंद्र मुख चंद्रमा चित चकोर जब होइ ।राम राज सब काज सुभ समय सुहावन सोइ ॥बीज राम गुन गन नयन जल अंकुर पुलकालि ।सुकृती सुतन सुखेत बर बिलसत तुलसी सालि ॥तुलसी सहित सनेह नित सुमिरहु सीता राम ।सगुन सुमंगल सुभ सदा आदि मध्य परिनाम ॥पुरुषारथ स्वारथ सकल परमारथ परिनाम ।सुलभ सिद्धि सब साहिबी सुमिरत सीता राम ॥दोहावलीके दोहोंकी महिमामनिमय दोहा दीप जहँ उर घर प्रगट प्रकास ।तहँ न मोह तम भय तमी कलि कज्जली बिलास ॥का भाषा का संसकृत प्रेम चाहिऐ साँच ।काम जु आवै कामरी का लै करिअ कुमाच ॥रामकी दीनबन्धुतामनि मानिक महँगे किए सहँगे तृन जल नाज ।तुलसी एते जानिऐ राम गरीब नेवाज ॥॥ इति ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 18, 2013 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP