हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|तुलसीदास कृत दोहावली| भाग ६ तुलसीदास कृत दोहावली भाग १ भाग २ भाग ३ भाग ४ भाग ५ भाग ६ भाग ७ भाग ८ भाग ९ भाग १० भाग ११ भाग १२ भाग १३ भाग १४ भाग १५ भाग १६ भाग १७ भाग १८ भाग १९ भाग २० भाग २१ भाग २२ भाग २३ भाग २४ भाग २५ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ६ रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत. Tags : dohavalidohetulsidasतुलसीदासदोहावलीदोहे भाग ६ Translation - भाषांतर सोरठाअस बिचारि मतिधीर तजि कुतर्क संसय सकल ।भजहु राम रघुबीर करुनाकर सुंदर सुखद ॥भाव बस्य भगवान सुख निधान करुना भवन ।तजि ममता मद मान भजिअ सदा सीता रवन ॥कहहिं बिमलमति संत बेद पुरान बिचारि अस ।द्रवहिं जानकी कंत तब छूटै संसार दुख ॥बिनु गुरु होइ कि ग्यान ग्यान कि होइ बिराग बिनु ।गावहिं बेद पुरान सुख कि लहिअ हरि भगति बिनु ॥दोहारामचंद्र के भजन बिनु जो चह पद निर्बान ।ग्यानवंत अपि सो नर पसु बिनु पूँछ बिषान ॥जरउ सो संपति सदन सुखु सुहृद मातु पितु भाइ ।सनमुख होत जो रामपद करइ न सहस सहाइ ॥सेइ साधु गुरु समुझि सिखि राम भगति थिरताइ ।लरिकाई को पैरिबो तुलसी बिसरि न जाइ ॥रामसेवककी महिमासबइ कहावत राम के सबहि राम की आस ।राम कहहिं जेहि आपनो तेहि भजु तुलसीदास ॥जेहि सरीर रति राम सों सोइ आदरहिं सुजान ।रुद्रदेह तजि नेहबस बानर भे हनुमान ॥जानि राम सेवा सरस समुझि करब अनुमान ।पुरुषा ते सेवक भए हर ते भे हनुमान ॥तुलसी रघुबर सेवकहि खल डाटत मन माखि ।बाजराज के बालकहि लवा दिखावत आँखि ॥रावन रिपुके दास तें कायर करहिं कुचालि ।खर दूषन मारीच ज्यों नीच जाहिंगे कालि ॥पुन्य पाप जस अजस के भावी भाजन भूरि ।संकट तुलसीदास को राम करहिंगे दूरि ॥खेलत बालक ब्याल सँग मेलत पावक हाथ ।तुलसी सिसु पितु मातु ज्यों राखत सिय रघुनाथ ॥तुलसी दिन भल साहु कहँ भली चोर कहँ राति ।निसि बासर ता कहँ भलो मानै राम इताति ॥राम महिमातुलसी जाने सुनि समुझि कृपासिंधु रघुराज ।महँगे मनि कंचन किए सौंधे जग जल नाज ॥रामभजनकी महिमासेवा सील सनेह बस करि परिहरि प्रिय लोग ।तुलसी ते सब राम सों सुखद सँजोग बियोग ॥चारि चहत मानस अगम चनक चारि को लाहु ।चारि परिहरें चारि को दानि चारि चख चाहु ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 18, 2013 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP