Site Search Input language: Select language देवनागरी Roman Kannada Bengali/Bangla Gurmukhi Gujarati Site Search Google Search Search results Results does not include Ancestry or QnA (Prashna) श्रीमनाचे श्लोक श्रीसमर्थ रामदास स्वामींचे श्रीमनाचे श्लोक, श्रीसमर्थांचे हे मनाचे श्र्लोक अतिशय सोपे आहेत. मनाला आवरुन रामरूपाच्या ठायी समरसून जावे व मुक्तीचा सुखसोहळा भोगावा अशी श्रीसमर्थांची या श्र्लोकांच्या रूपाने शिकवण आहे. वाचकांनी ही २०५ मोत्यांची माळ कंठात अखंड ठेवावी व कृतार्थ व्हावे. Manache Shlok By Ramadas Swami. They teach you how to control your mind and spirit spiriually towards Lord Rama. Tags: मनाचे, श्लोक, manache, shlok, samartha, ramdas, रामदास Type: PAGE | Rank: 2.079756 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास चौथा - सूक्ष्मपंचभूतनिरूपणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA जगज्जोतिनाम - ॥ समास सातवां - सगुणभजननिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA अखंडध्याननाम - ॥ समास सातवां - युगधर्मनिरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA सगुणपरीक्षा - ॥ समास आठवा - आधिदैविकतापनाम ॥ श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास नववां - श्रवणनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA दशक नववां - गुणरूपनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक, रामदास, हिन्दी Type: INDEX | Rank: 0.719204 | Lang: NA मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पांचवां - रजोगुणलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA बहुजिनसी - ॥ समास नववां - निद्रानिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA मंत्रों का नाम - ॥ समास छठवां - शुद्धज्ञाननिरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास चौथा - पादसेवनभक्तिनिरुपणनाम ॥ ‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA बहुजिनसी - ॥ समास आठवां - अंतरदेवनिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA दशक चौथा - नवविधाभक्तिनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे, श्लोक, ramdas, hindi, manache, shlok Type: INDEX | Rank: 0.719204 | Lang: NA जगज्जोतिनाम - ॥ समास छठवां - भ्रमनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास चौथा सद्गुरुस्तवननाम । इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA नामरूप - ॥ समास दूसरा - सारासारनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास नववां - सूक्ष्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास नववां परमार्थस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA गुणरूपनाम - ॥ समास नववां - संदेहवारणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास दूसरा - विवरणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA आत्मदशक - ॥ समास आठवा - सूक्ष्मजीवनिरूपणनाम ॥ देहप्रपंच यदि ठीकठाक हुआ तो ही संसार सुखमय होगा और परमअर्थ भी प्राप्त होगा । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA आत्मदशक - ॥ समास दूसरा - निस्पृहव्यापलक्षणनाम ॥ देहप्रपंच यदि ठीकठाक हुआ तो ही संसार सुखमय होगा और परमअर्थ भी प्राप्त होगा । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA स्तवणनाम - ग्रंथ परिचय 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास पहला - देवदर्शननाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA दशक ग्यारहवां - भीमदशक 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे, श्लोक, ramdas, hindi, manache, shlok Type: INDEX | Rank: 0.719204 | Lang: NA नामरूप - ॥ समास छठवां - लघुबोधनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA बहुजिनसी - ॥ समास पहला - बहुदेवस्थाननिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA आत्मदशक - ॥ समास दसवां - सिद्धांतनिरूपणनाम ॥ देहप्रपंच यदि ठीकठाक हुआ तो ही संसार सुखमय होगा और परमअर्थ भी प्राप्त होगा । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA दशक छठवां - देवशोधन नाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे, श्लोक, ramdas, hindi, manache, shlok Type: INDEX | Rank: 0.719204 | Lang: NA भीमदशक - ॥ समास छठवां - महंतलक्षणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास छठवां - दुश्चितनिरूपणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA विवेकवैराग्यनाम - ॥ समास दूसरा - प्रत्ययनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथमें प्रत्येक छंद ‘मुख्य आत्मनुभूति से’ एवं सभी ग्रंथों की सम्मति लेकर लिखा है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास तीसरा - सूक्ष्मनामाभिधानाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA तत्त्वान्वय का - ॥ समास तीसरा - पृथ्वीस्तवननिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA मंत्रों का नाम - ॥ समास तीसरा - शिष्यलक्षणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास नववां - सिद्धलक्षणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास दूसरा - उत्तमलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास दसवां - देहांतनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA दशक चौदहवां - अखंडध्याननाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे, श्लोक, ramdas, hindi, manache, shlok Type: INDEX | Rank: 0.719204 | Lang: NA विवेकवैराग्यनाम - ॥ समास पहला - विमललक्षणनाम ॥ इस ग्रंथमें प्रत्येक छंद ‘मुख्य आत्मनुभूति से’ एवं सभी ग्रंथों की सम्मति लेकर लिखा है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA नामरूप - ॥ समास पांचवां - कहानीनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA अखंडध्याननाम - ॥ समास दसवां - मायानिरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास नववां- तनुचतुष्टयनाम ॥ यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास चौथा - ब्रह्मनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास आठवां - उपाधिलक्षणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA सगुणपरीक्षा - ॥ समास पांचवा - सगुणपरीक्षानिरुपणनाम ॥ श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA भीमदशक - ॥ समास पाचवा - राजकारणनिरूपणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA तत्त्वान्वय का - ॥ समास दसवां - गुणभूतनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास पहला - देवशोधननाम ॥ N/Aश्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास छठवां - बद्धमुक्तनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.719204 | Lang: NA Folder Page Word/Phrase Person Loading, please wait .. 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