मराठी मुख्य सूची|स्तोत्रे|देवी स्तोत्रे| चेटी भवन्निखिल केटी कदम्ब... देवी स्तोत्रे उमाशतकम् अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिन... प्रातः स्मरामि ललितावदनार... विज्ञापनार्हविरलावसरानवाप... जय भगवति देवि नमो वरदे जय... निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रच... मुद्रा स्वस्ति श्रीमदखिलभ... पाण्डित्यं परमेश्वरि स्तु... श्रीशङ्करगुरुत्तंससमर्चित... प्रातः स्मरामि ललितावदनार... सुवक्षोजकुम्भां सुधापूर्ण... श्रीभारतीतीर्थमहास्वामिभि... विराटनगरं रम्यं गच्छमानो ... सञ्जय उवाच- धार्तराष्ट्रब... पुरन्दर उवाच- नमः कमलवासि... ध्यानम् कान्त्या काञ्चनसन... अम्ब प्रसीद वरदा भव दुःखह... अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽह... आदिलक्ष्मीः द्विभुजाञ्च द... उषसि मागधमंगलगायनैर्झटिति... अयिगिरिनन्दिनि नन्दितमेदि... नमस्ते शरण्ये शिवे सानुकम... विरिञ्च्यादिभिः पञ्चभिर्ल... लक्ष्मीशे योगनिद्रां प्रभ... सिन्दूरारुणकान्तिमब्जवसति... लक्ष्मीशे योगनिद्रां प्रभ... नमस्ते शरण्ये शिवे सानुकम... करवाणि वाणि किं वा जगति प... प्रातः स्मरामि ललितावदनार... ध्यायेत् हेमांबुजारूढां व... हर हर शंभो गौरीश! शिव शिव... उद्यच्चन्दनकुङ्कुमारुणपयो... बन्धूकवर्णामरुणां सुगात्र... सञ्जय उवाच- धार्तराष्ट्रब... कल्याणायुतपूर्णचन्द्रवदना... गौरीं काञ्चनपद्मिनीतटगृहा... विराटनगरं रम्यं गच्छमानो ... ॐ जटाजूटसमायुक्तामर्द्धेन... प्रस्तावना क्षमस्व भगवत्यंब क्षमाशील... कदंबवनचारिणीं मुनिकदम्बका... समुन्मीलन्नीलांबुजनिकरनीर... ॐ अस्य श्रीन्द्राक्षीस्तो... षडाधारपंकेरुहांतर्विराजत्... श्रेयस्करि शमनिवरिणि विद्... अम्ब शशिबिम्बवदने कम्बुग्... नमस्ते शरण्ये शिवे सानुकम... घोररूपे महारावे सर्वशत्रु... याज्ञवल्क्य उवाच— कृपां... श्रीगणेशाय नमः ॥ पद्मे... श्रीछिन्नमस्ताष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् त्रिपुरसुन्दरीमानसपूजास्तोत्रम् देवीचतुःषष्ट्युपचारपूजास्तोत्रम् चेटी भवन्निखिल केटी कदम्ब... ॥ॐ ॥ ॥श्री दुर्गायै नम... ॥ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्ल... श्री॥श्रीचण्डिकाध्यानम् ॐ... ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डे... ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डे... अथ देव्याः कवचम् हारनूपुरकिरीटकुण्डलविभूषि... प्रातः स्मरामि ललिता वदना... धनदा उवाच देवी देवमुपागम्... अहं रुद्रेभिरित्यादिमन्त्... धनदा उवाच देवी देवमुपागम्... ॥त्यागराजविरचितः कल्याणाम... गणेशः । हरिद्राभंचतुर्वाद... श्रीगुरुचरणसरोजं श्रीकरभव... विबुधाधिपतेजिनीशकान्ते वद... ॐ नमस्ते सते सर्वलोकाश्रय... ॥श्रीगोकर्णनिकेता श्रीविद... जय भगवति देवि नमो वरदे जय... मीनाक्षी सुन्दरेश्वर स्तोत्रम् शिवोमा परमा शक्तिरनन्ता न... भगवतीपद्यपुष्पांजलिस्तोत्र उद्यद्भानु सहस्रकोटिसदृशा... श्रीविद्ये शिववामभागनिलये... गुरुश्च गुरुपुत्रश्च ये च... श्रीदेव्युवाच देवदेव महदे... अम्बा शाम्भवि चन्द्रमौलिर... त्यागराजविरचितः या त्रैलो... पाकामृतांशुमकुटाभरणा भवान... क्षमस्व भगवंत्यव क्षमाशील... लघुषोडशार्णकलाविलासः ॥शक्तिसूत्र ॥ अथ शक्तिसू... त्यागराजविरचितः॥स्वानन्दम... आदिशक्ते जगन्मातर्भक्तानु... का त्वं शुभकरे सुखदुःखहस्... अंभोधरश्यामलकुन्तलायै तटि... आदिलक्ष्मी ॥ सुमनसवन्दित... नमः सर्व स्वरूपे च नमो कल... करकलितचापबाणां कल्हाराङ्घ... श्री शङ्कराचार्य कृतम् । ... अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रय... श्रीः॥ कल्याणवृष्टिभिरिव... श्री देवी ध्यानम् जगदवन व... ॐ नमश्चण्डिकायै मार्कण्डे... देवि सुरेश्वरि भगवति गंगे... या देवी सर्वभूतेषु विष्णु... देवी खड्गमाला स्तोत्ररत्नम उपनिषद देवी प्रणव श्लोकी - चेटी भवन्निखिल केटी कदम्ब... देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे. The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as 'Shakti' since vedic times. Tags : goddessstotraदेवीस्तोत्र देवी प्रणव श्लोकी स्तुती Translation - भाषांतर चेटी भवन्निखिल केटी कदम्ब वनवाटीषु नाकपटली कोटीर चारुतर कोटीमणी किरण कोटीकरंजित पदा पाटीर गन्धि कुच शाठी कवित्व परिपाटीमगाधिपसुताम् घोटीकुलादधिक धाटी मुदारमुख वीटीर सेनतनुताम् ॥१॥ द्वैपायन प्रभृति शापायुध त्रिदव सोपान धूळि चरणा पापाप ह्रस्व मनु जापानुलीन जन तापाप नोद निपुणा नीपालया सुरभि धूपालका दुरित कूपादुदन्चयतुमाम् रूपाधिका शिखरि भूपाल वंशमणि दीपायिता भगवती ॥२॥ याळी भिरात्त तनुराळी लसत्प्रिय कपाळीषु खेलति भवा चूलीनकुल्य सित चूळी भराचरण धूळी लसन्मुणिगणा याळी भृतिस्रवसिताळी दळम् वहति याळीकशोभि तिलका साळी करोतु मम काळी मनः स्वपदनालीकसेवन विधौ ॥३॥ बालामृतांशु निभ फालामना गरुण चेलानितम्बफलके कोलाहलक्षपित कालामराकुशल कीलाल शोषण रविः स्थुलाकुचे जलद नीलाकचे कलित लीलाकदम्ब विपिने सूलायुध प्रणुति शैला विधात्रृ हृदि शैलाधिराज तनया ॥४॥ कम्बावती वस विडम्बागणेन नव तुम्बांग वीण सविधा बिम्बाधराविनत शम्भायुधादि निकुरुम्बा कदम्बविपिने अम्बाकुरंग मद जम्बाळरोचि रहलम्बाळका दिशतु मे शम्भाहुळेय शशिबिम्बाभिराममुखि सम्भाधितस्तनभरा ॥५॥ न्यंकाकरेवपुषि कंकाळरक्तपुषि कंकादि पक्षि विषये त्वंकामनामयसि किंकारणं हृदय पंकारिमेहि गिरिजाम् शन्काशिलानिशित तंकायमान पद संकासमान सुमनो झंकारि भृंगतति मंकानुपेत शशि संकासवक्त्र कमलाम् ॥६॥ दासायमान सुम हासा कदम्बवन वासाकुसुम्बसुमनो वासाविपंचि कृत रासाविधूय मधुमासारविन्द मधुरा कासारसूनतति भाषाभिराम तनुरासार शीत करुणा नासमणि प्रवर वासा शिवातिमिर मासादयेतु परतिम् ॥७॥ झम्भारि कुम्भि पृथु कुम्भापहासि कुच सम्भाव्य हार लतिका रम्भाकरीन्द्र कर डिम्भापहोरु गति दिम्बानुरन्जित पदा शम्भावुदार परिकुम्भांकुरत्पुळक डम्भानुरागपिसुना कम्भासुराभरण गुम्भासदादिशतु शम्भासुरप्रहरणा ॥८॥ दाक्षायनी दनुज शिक्षा विधौ वितत दीक्षा मनोहरगुणा भिक्षाळिनोनटन वीक्षा विनोदमुखि दक्षाध्वरप्रहरणा वीक्षाम् विदेहि मयि दक्षा स्वकीय जन पक्षाविपक्ष विमुखी यक्षेश सेवित निराक्षेप शक्ति जयलक्ष्म्यावदानकलना ॥९॥ वन्दारु लोकवर सन्धायनी विमल कुन्दावदातरदना बृन्दारबृन्दमणि बृन्दारविन्द मकरन्दाभिषिक्त चरणा मन्दानिलाकलित मन्दारदामभिर मन्दारदाम मकुटा मन्दाकिनी जवनबिन्दानवाजमरविन्दासना दिशतु मे ॥१०॥ N/A References : N/A Last Updated : July 12, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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