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बन्धुगणो ! मिल कहो प्रेम...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - बन्धुगणो ! मिल कहो प्रेम...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

बन्धुगणो ! मिल कहो प्रेमसे - 'रघुपति राघव राजाराम ।'

मुदित चित्तसे घोष करो पुनि - 'पतीतपावन सीताराम ॥'

जिह्वा-जीवन सफल करो कह -'जय रघुनन्दन, जय सियाराम ।'

ह्रदय खोल बोलो मत चूको- 'जानकिवल्लभ सीताराम ॥'

गौर रुचिर, नवघनश्याम छबि, 'जय लक्ष्मण, जय जय श्रीराम ।'

अनुगत परम अनुज रघुबरके- 'भरत-सत्रुहन शोभाधाम ॥'

उभय सखा राघवके प्यारे -'कपिपति, लंकापति अभिराम ।'

परम भक्त निष्कामशिरोमणि 'जय श्रीमारुति पूरणकाम ॥'

अति उमंगसे बोलो संतत - 'रघुपति राघव राजाराम।'

मुक्तकंठ हो सदा पुकारो- 'पतीतपावन सीताराम ॥'

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Last Updated : May 24, 2008

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