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अव्यवस्त
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पुस्तापास
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अध्यस्तं
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मेजदात
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मेजदाद
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पंच मुद्रा
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podagrical
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मेजणी
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मेजणें
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्विसाहस्त्रीसंहितामंत्र - १९
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
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व्यासशिक्षा - स्थानकरणप्रयत्नप्रकरणम्
प्रस्तुत ग्रंथाचा रचनाकाल विभिन्न विद्वानांनी ईसवीसन पूर्व १००० ते ईसवीसन पूर्व ५०० सांगितलेला आहे.
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व्रतोदयान - अथरुद्रपध्दति:
ऋग्वेदीयब्रह्मकर्मसमुच्चयः
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भ्रमिष्ट
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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श्री दत्तात्रेयस्तोत्रम्
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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विष्णोर्नाम गीता - भजन ५९
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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द्विसाहस्त्रीसंहितामंत्र - १५
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
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प्रथम: पाद: - सूत्र १९-२१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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laud
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मेज
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अथारण्यार्चिकः - चतुर्थी दशतिः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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whole
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मि
Meanings: 13; in Dictionaries: 3
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विवाहहोम - प्रयोग:
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
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समन्त्रकं गणपतिस्तोत्रम् - नमो ॥ ग णपते तुभ्यं ज्येष...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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समासोक्ति अलंकारः - लक्षण १०
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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निद्रा
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श्री आर्या
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
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श्री आर्या
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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चतुर्थोsध्याय:
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत `श्रीसप्तशतीगुरुचरित्रसार`
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स्त्रीदुष्टाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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गांधार
Meanings: 17; in Dictionaries: 5
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जानकीहरणम् - अष्टादशः सर्गः
'जानकीहरणम्' ह्या महाकाव्याच्या रचयिताचे नाव 'कुमारदास' होते,
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अध्याय ३९ वा - श्लोक ४१ ते ४५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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उमासंहिता - अध्यायः १०
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्रीकृष्णस्तोत्रम् - ब्रह्मोवाच- नौमीड्य तेऽभ...
कृष्ण स्तोत्र
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अथ तृतीयोsध्याय:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी गुरूचरित्राची रचना केली आहे, ती अप्रतिम आहे.
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भ्रम
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १९०
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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अध्याय १४ वा - श्लोक २६ ते २७
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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माला २०१ ते २५०
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत दत्तमालावर्णांकितमाघमाहात्म्य
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माला १ ते ५०
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत दत्तमालावर्णांकितमाघमाहात्म्य
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विष्णुसंहिता - तृतीयः पटलः
विष्णुसंहितामध्ये प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, तर्क, समाधि आणि ध्यान हे क्रमवार आहेत.
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जोड
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ज्ञा
Meanings: 52; in Dictionaries: 4
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तट
Meanings: 46; in Dictionaries: 11
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३६१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अथ विंशोsध्याय:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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श्री नारदीयमहापुराणम् - सप्तषष्टितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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