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elected
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elective
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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some
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अंगिरा
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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डागिणा
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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लामकायन
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डागिना
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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पद - ही परम कृपेची माउली हो
श्रीमज्जगज्जननी, त्रिभुवनसुंदरी श्रीरेणुकामाऊलीचे अत्यंत लाडके पुत्र श्रीमत्परमहंस श्रीसद्गुरू पुरूषोत्तमानंद सरस्वति उर्फ श्रीविष्णुकवि महाराज यांच्या कवितांचा हा अनमोल ठेवा.
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वृषण
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खरा देवा मधी देव - अरे कानोड कानोड सदा रुसत...
बहिणाबाईंची गाणी
बहिणाबाई अशिक्षीत असूनही त्यांच्या गाण्यांतून जीवनातील अनमोल तत्वज्ञान समजते
Bahinabai has specifically acknowledged Tukaram as her Guru and that he initiated her has been clearly expressed in all her Abhangas.
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बृहत्संहिता - अध्याय २९
शके ८८८ फाल्गुन कृष्ण द्वितीया गुरुवारी उत्पलनामकाने ही टीका केली.
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गिनी
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बादाम
Meanings: 13; in Dictionaries: 5
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कवी त्रिलोचन - झापस
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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विनय पत्रिका - विनयावली १४२
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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श्रीज्ञानेश्वरमहाराजांचे अप्रसिद्ध पद
इ. स. १९४२-४४ च्या सुमारास या भजनात भाव घेणारा एक भजनकरी ‘ बोधाच्या मदनात ’ हे ज्ञानेश्वरमहाराजांचे पद म्हणत असे.
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गणना
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दमयंती स्वयंवर - पृष्ठ १४
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
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शेष
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
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समास सातवां - चंचलनदीनिरूपणनाम
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन समर्थ रामदास लिखीत दासबोध में है ।
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अध्याय छठा - श्लोक १०१ से १२०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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भीमदशक - ॥ समास सातवां - चंचलनदीनिरूपणनाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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संस्कारप्रकरणम् - श्लोक ९७ ते ११५
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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नानामुहूर्त्तप्रकरणम् - श्लोक ७९ ते १०९
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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दुर्गा
Meanings: 28; in Dictionaries: 11
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लता
Meanings: 83; in Dictionaries: 14
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गोचरप्रकरणम् - श्लोक १३ ते २५
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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मंत्रों का नाम - ॥ समास चौथा - उपदेशनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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रामाज्ञा प्रश्न - शकुन जाननेकी विधी
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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समास चौथा उपदेशनाम
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन समर्थ रामदास लिखीत दासबोध में है ।
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नानामुहूर्त्तप्रकरणम् - श्लोक १ ते १२
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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ग्रहलाघव - पाताधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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अध्याय सहावा - श्लोक १०१ ते १५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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पुलस्त्य
Meanings: 15; in Dictionaries: 7
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अध्याय पहला - श्लोक १०१ से १२८
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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विवाहप्रकरणम् - श्लोक ७३ ते ९१
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
Type: PAGE | Rank: 0.002707895 | Lang: NA
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नानामुहूर्त्तप्रकरणम् - श्लोक १३ ते ३७
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
Type: PAGE | Rank: 0.002707895 | Lang: NA
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मूळस्तंभ - अध्याय १७
‘ मूळस्तंभ ’ पोथी म्हणजे शिव- पार्वती संवादरूपातील शिवपुराणावरील शोधनिबंध आहे.
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मानसागरी - अध्याय २ - आरंभ
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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श्री वेंकटेश विजय - अध्याय ६ वा
वेदव्यासांनी भविष्योत्तर पुराणात वेंकटगिरीचा महिमा सांगितला आहे. या कलियुगात जे कोणी त्यांची भक्ती करतात, त्यांच्या सर्व इच्छा पूर्ण होतात.
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कीर्तन आख्यान - सावित्री आख्यान
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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पराशर
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श्रीपूर्णानंद चरित्र - अध्याय पाचवा
आनंद संप्रदाय हा सर्व भक्तिमार्गी संप्रदायाचा मूळ स्रोत आहे .
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कीर्तन आख्यान - बभ्रुवाहनाख्यान
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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द्वितीय पाद - निरुक्त-वर्णन
` नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - नबी का नीति-निर्वाह
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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द्वितीय पाद - संहिताप्रकरण
` नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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