-
श्री गायत्री जी - जयति जय गायत्री माता, जयत...
आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है Aarti, ãrti, arathi, or ãrati is a Hindu ritual
Type: PAGE | Rank: 7.512057 | Lang: NA
-
गायत्री स्तोत्र व माहात्म्य
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् । The goddess Gayatri is considered the veda mata, the mother of all Vedas
Type: PAGE | Rank: 6.692886 | Lang: NA
-
नागी-गायत्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 6.383195 | Lang: NA
-
श्री गायत्री शाप विमोचनम् - शाप मुक्ता हि गायत्री चतु...
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् । The goddess Gayatri is considered the veda mata, the mother of all Vedas
Type: PAGE | Rank: 6.370434 | Lang: NA
-
श्री गायत्री चालीसा - ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्...
चालीसा, देवी देवतांची काव्यात्मक स्तुती असून, भक्ताच्या आयुष्यातील सर्व संकटे दूर होण्यासाठी मदतीची याचना केली जाते.
Type: PAGE | Rank: 6.292118 | Lang: NA
-
श्री गायत्री सहस्त्रनामस्तोत्रम्
हिंदू देवदेवतांची सहस्त्र नावे, स्तोत्र रूपात गुंफलेली आहेत. Sahastranaamastotra is a perticular stotra in which, the 1000 names of hindu Gods are introdused.
Type: PAGE | Rank: 6.261959 | Lang: NA
-
याजुषी-गायत्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 5.76237 | Lang: NA
-
गायत्री स्तोत्रे
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
Type: INDEX | Rank: 4.428201 | Lang: NA
-
श्री गायत्री सहस्त्रनामावलिः
हिंदू देवी देवतांची एक हजार नावे म्हणजेच सहस्त्रनामावली. हिंदू धर्मिय रोज सकाळी संध्याकाळी या नावांचा जप करतात.
A sahasranamavali is a type of Hindu scripture in which a diety is referred to by 1000 or more different names.Many devout Hindus chant them every morning or evening.
Type: PAGE | Rank: 4.15795 | Lang: NA
-
गायत्री रामायणम् - तत्सवितुर्वरॆण्यं भर्गो द...
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
Type: PAGE | Rank: 4.15795 | Lang: NA
-
याजुशी-गायत्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 3.752574 | Lang: NA
-
गायत्री-मन्त्रका विनियोग
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.89377 | Lang: NA
-
पूजा विधी - गायत्री मन्त्र
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
Type: PAGE | Rank: 2.889954 | Lang: NA
-
गायत्री देवीका विसर्जन
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.885368 | Lang: NA
-
गायत्री मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.873451 | Lang: NA
-
गायत्री ध्यान
रात या दिनमें जो भी अज्ञानवश विकर्म हो जायँ, वे त्रिकाल-संध्या करनेसे नष्ट हो जाते है।
Type: PAGE | Rank: 2.857682 | Lang: NA
-
गायत्री मन्त्रका अर्थ
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.8512 | Lang: NA
-
गायत्री
Meanings: 30; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 2.848326 | Lang: NA
-
गणपती गायत्री मंत्र
रुद्राक्ष अत्यंत पवित्र, शंकरांना अत्यंत प्रिय, तसेच दर्शन, स्पर्श व जप द्वारा सर्व पापे नष्ट होतात.
Type: PAGE | Rank: 2.830298 | Lang: NA
-
मानसगीत सरोवर - गायत्री , सावित्रि , सरस्...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
Type: PAGE | Rank: 2.828948 | Lang: NA
-
सूर्य गायत्री मंत्र
रुद्राक्ष अत्यंत पवित्र, शंकरांना अत्यंत प्रिय, तसेच दर्शन, स्पर्श व जप द्वारा सर्व पापे नष्ट होतात.
Type: PAGE | Rank: 2.828948 | Lang: NA
-
विष्णु-गायत्री मंत्र
रुद्राक्ष अत्यंत पवित्र, शंकरांना अत्यंत प्रिय, तसेच दर्शन, स्पर्श व जप द्वारा सर्व पापे नष्ट होतात.
Type: PAGE | Rank: 2.826167 | Lang: NA
-
अघनाशकगायत्रीस्तोत्र - आदिशक्ते जगन्मातर्भक्तानु...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याणकारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
Type: PAGE | Rank: 1.655227 | Lang: NA
-
याजुषीगायत्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.426678 | Lang: NA
-
सहा अक्षरी वृत्तें - गायत्री
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
Type: PAGE | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
श्री गायत्री अष्टोत्तरशतनामावलिः
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
Type: PAGE | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
गायत्री-मन्त्र
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: INDEX | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
देवता गायत्री मंत्र
सर्व पूजा कशा कराव्यात यासंबंधी माहिती आणि तंत्र.
Type: PAGE | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
गायत्री-शापविमोचन
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: INDEX | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
गायत्री-जपका विधान
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: INDEX | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
गाय गायत्री, म्हैस सावित्री, बैल नन्दी, रेडा पापी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
गायत्री नदी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.403349 | Lang: NA
-
अथ श्रीगायत्रीकवचम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.391368 | Lang: NA
-
अथ श्रीगायत्र्युपनिषत्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.389794 | Lang: NA
-
अथ अजपाजपसङ्कल्पः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.385319 | Lang: NA
-
अघनाशकगायत्रीस्तोत्र - आदिशक्ते जगन्मातर्भक्तानु...
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् । The goddess Gayatri is considered the veda mata, the mother of all Vedas
Type: PAGE | Rank: 1.384976 | Lang: NA
-
अथ श्रीगायत्रीपटलम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.382722 | Lang: NA
-
श्रीगायत्रीसहस्रनामावलिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.379068 | Lang: NA
-
गायत्रीकवचं
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.379068 | Lang: NA
-
श्रीचाक्षुषोपनिषद्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.379068 | Lang: NA
-
अथ गायत्रीमहान्यासाः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.374316 | Lang: NA
-
अथ विश्वामित्रकृत श्रीगायत्रीकल्पः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.373021 | Lang: NA
-
अथ श्रीगायत्रीस्तवराजः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.370921 | Lang: NA
-
श्री गायत्रीस्तोत्रम् - आदिशक्ते जगन्मातः भक्तानु...
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
Type: PAGE | Rank: 1.370723 | Lang: NA
-
श्रीसूर्याथर्वशीर्षम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.370723 | Lang: NA
-
श्रीगायत्र्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.367942 | Lang: NA
-
अथ बहिर्मातृकान्यासः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.36516 | Lang: NA
-
अथ श्रीगायत्रीपंजरस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.362379 | Lang: NA
-
अथ गायत्रीमन्त्रनित्यजपविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.362379 | Lang: NA
-
श्रीगायत्रीपुरश्चरणविधिः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
Type: PAGE | Rank: 1.362379 | Lang: NA