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सविस्तार
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സവിസ്ഥരമായ
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تفصیٖل سان
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ಸವಿಸ್ತಾರವಾದ
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सविस्तर
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विवरण-युक्त
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ब्योरेवार
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अध्याय १२७ - नानाबलानि
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११६ - गयायात्राविधिः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२२ - कालगणनं
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११२ - वाराणसीमाहात्म्यम्
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२५ - युद्धजयार्णवीयनानाचक्राणि
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११३ - नर्मदादिमाहात्म्यम्
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२९ - अर्घकाण्डम्
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२३ - युद्धजयार्णवीयनानायोगाः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२८ - कोटचक्रम्
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १३० - घातचक्रं
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२० - भुवनकोषः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२४ - युद्धजयार्णवीयज्योतिःशास्त्रसारः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११५ - गयायात्राविधिः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११७ - श्राद्धकल्पः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११९ - महाद्वीपादि
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२६ - नक्षत्रनिर्णयः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय १२१ - ज्योतिःशास्त्रं
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११४ - गयामाहात्म्यम्
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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अध्याय ११८ - भारतवर्षं
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात चौसष्ट योगनींचे का सविस्तार वर्णन केले आहे.
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भाषण
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निबंध
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निबन्ध
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प्रासंगिक कविता - प्रसंग ९
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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समास पांचवां - देहमान्यनिरूपणनाम
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन समर्थ रामदास लिखीत दासबोध में है ।
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मनास उपदेश - अभंग ३२९५ ते ३३१०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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शिकवणनाम - ॥ समास पांचवां - देहमान्यनिरूपणनाम ॥
परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये!
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय १७
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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कृष्णपक्ष की एकादशी
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते है ।
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सिंहासन बत्तिसी - त्रिलोचनी
रंजक कथाएँ बच्चे तथा जवान, बूढेभी बडे चावसे पढते है।
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यवक्रीत
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय १७
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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समाधि प्रकरण - अध्याय दुसरा
निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - अध्याय ॥३२॥
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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गुरूचरित्र - अध्याय दुसरा
गुरूचरित्र हे मराठीतील एक प्रभावशाली धार्मिक पुस्तक आहे.
Shri Gurucharitra is the most influential book written in Marathi.
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मन्त्रमहोदधि - पञ्चविंश तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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विष्णु
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