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मेधावी
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মেধাবী
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میدھاوی
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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મેધાવી
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ମେଧାବୀ
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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intellectual
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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hard drink
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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hard liquor
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smart as a whip
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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spirits
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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strong drink
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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brainy
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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brilliant
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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liquor
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john barleycorn
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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booze
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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intellect
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पर्वतायु
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आपलें मत विचारल्याविना देऊं नये
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parrot
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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अर्बुदखण्डम् - अध्याय ४६
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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अनुप्रविश्
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आचारकाण्डः - अध्यायः १४१
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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धर्मपदम् - अप्रमादवर्गः द्वितीयः
धर्मपदम्
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कुशलिन्
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sagacious
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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सर्ववेदसारसंग्रहः - साधन-चतुष्टय
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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विष्णोर्नाम गीता - भजन ९
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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॥ अथ प्रकृतिः ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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श्रावणमास: - बुधगुरुपूजाप्रकार:
सर्व जगतात हिंदू धर्माची व्याख्या होते ती, धर्मातील उपासना आणि उत्सवप्रियतेमुळे, आणि यांना जोड असते व्रत-वैकल्याची आणि धार्मिक पूजेची.
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कृष्णपक्ष की एकादशी
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहते है ।
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भूमिखंडः - अध्यायः ३१
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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एकादशी महात्म्य - पापमोचनी एकादशी
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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धर्मपदम् - धर्मष्ठवर्गः एकोनविंशः
धर्मपदम्
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द्वारकाखण्डः - अध्यायः १४
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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नाचिकेत
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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intelligent
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - वैशाखशुक्लैकादशी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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श्रीअङ्गारकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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धर्मपदम् - चित्तवर्गस्तृतीयः
धर्मपदम्
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मेधा
Meanings: 32; in Dictionaries: 12
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उत्तरखण्डः - अध्यायः १८२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ४६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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भूमिखंडः - अध्यायः २२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः १२
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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भूमिखंडः - अध्यायः २१
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.01554881 | Lang: NA
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भूमिखंडः - अध्यायः ७६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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wise
Meanings: 11; in Dictionaries: 3
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तृतीय पटल - योगानुष्ठानपद्धतिर्योगाभ्यासवर्णन ४
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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विष्णुधर्माः - अध्याय ५७
विष्णुधर्माः
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