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अश्वतर
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اشوتر
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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اَشوٕتَر
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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অশ্বতর
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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અશ્વતર
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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अश्वतरः
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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ଅଶ୍ୱତର
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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snake
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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ophidian
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଅଶ୍ୱତରସାପ
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serpent
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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mule
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खेंचर
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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अध्याय तिसरा - अभंग १ ते २०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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खेचरी
Meanings: 7; in Dictionaries: 2
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धर्मसिंधु - सर्पानें मृत असतां व्रत.
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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अध्याय पहिला - अभंग १ ते १५
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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कंबल
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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मार्कण्डेयपुराणम् - चतुर्विशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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आश्विन शुक्लपक्ष व्रत - शान्तिपञ्चमी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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अध्याय तिसरा - अभंग २१ ते ४०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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अध्याय तिसरा - अभंग ४१ ते ५७
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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अध्याय चवथा - अभंग २१ ते ३१
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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अध्याय चवथा - अभंग १ ते २०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय १०
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय २८ वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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ऋतध्वज
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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अष्टम स्कंध - अध्याय चवथा
श्री मत्स्वच्छंदानंदानी रचिलेल्या प्रसिद्ध देवी भागवतसाराचा मराठी अवतार म्हणजे प्रस्तुत ‘ श्री देवी विजय ‘ ग्रंथ होय.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ५ - अध्याय ६
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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खंड २ - अध्याय १३
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - त्रयोविंशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय १
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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खंड ३ - अध्याय ४६
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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स्कंध १२ वा - अध्याय ११ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय २१
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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उतथ्यगीता - अध्याय दुसरा
उतथ्यगीता
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय २७ वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय ५१ वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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संकेत कोश - संख्या १२
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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१२
Meanings: 90; in Dictionaries: 4
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नर
Meanings: 157; in Dictionaries: 13
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कश्यप
Meanings: 81; in Dictionaries: 9
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तृतीय परिच्छेद - कर्मांविषयीं आशौच नसणें
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
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मन्त्रमहोदधि - षोडश तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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