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मिमांसा - भाग ५
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ११
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ३
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे.
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मिमांसा - भाग ६
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ८
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ९
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग १०
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग २
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ७
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग १२
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग ४
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा - भाग १
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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मिमांसा
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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judgement
Meanings: 32; in Dictionaries: 8
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judgment
Meanings: 12; in Dictionaries: 6
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judicial decision
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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compromise
Meanings: 23; in Dictionaries: 11
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उत्तरमीमांसा
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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गोरोबथा
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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षड्दर्शन
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
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मध्यखंड - सर्वोपाधिडंबरनिरसन
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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भागीरथीबाई - अभंग संग्रह ८१ ते ९०
श्रीसद्गुरु भागीरथीबाई वैद्य यांचे अभंग अवीट गोडीचे असून मन प्रसन्न करणारे आहेत .
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आदिखंड - रुद्रदृष्टांत
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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भगवान गोपालकृष्ण - अध्याय ६ वा
प्राचीन कवी केशवदत्त यांनी ’ गोपाल कृष्ण ’ हे उत्तम काव्य रचले आहे.
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भगवान गोपालकृष्ण - अध्याय १५ वा
प्राचीन कवी केशवदत्त यांनी ’ गोपाल कृष्ण ’ हे उत्तम काव्य रचले आहे.
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भगवान गोपालकृष्ण - अध्याय १३ वा
प्राचीन कवी केशवदत्त यांनी ’ गोपाल कृष्ण ’ हे उत्तम काव्य रचले आहे.
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मध्यखंड - अविद्या माया लक्षण
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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श्रीकृष्णमाहात्म्य
प्राकृतात ग्रंथरचना करण्याची ज्ञानेश्वरापासून चालत आलेली परंपरा नाथांनीही पुढे चालविली.
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श्रीकृष्णमाहात्म्य
संत एकनाथांनी सामान्यजनांना तसेच भक्तजनांना परमार्थाच्या सहजसुलभ वाटा दाखवून मार्गदर्शन केले आहे.
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ज्ञानेश्वरी अध्याय १
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
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शुक्रनीति - अध्याय दुसरा
प्रस्तुत नीति शुक्राचार्यांनी न लिहिता मूळ नीति भगवान् श्रीशंकरांनी लिहिली आहे.
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तत्वमुक्ताकलापे - बुद्धिसर:
वेदान्त देशिक उर्फ वेंकटनाथ (१२६८-१३७०) हे वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक आणि आचार्य सुद्धां होते.
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शुक्रनीति - अध्याय पहिला
प्रस्तुत नीति शुक्राचार्यांनी न लिहिता मूळ नीति भगवान् श्रीशंकरांनी लिहिली आहे.
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