हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|वियोग|
तुम बिन मेरी कौन खबर ...

वियोग - तुम बिन मेरी कौन खबर ...

भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।


तुम बिन मेरी कौन खबर ले, गोबरधन गिरधारी ।

कीट मुकुट पीताम्बर सोहे, कुण्डलकी छबि न्यारी ॥१॥

तन- मन -धन सब तुम पै वारुँ, राखो लाज हमारी ।

इन नयननमें तुम्हीं बसे हो, चरण कमल बलिहारी ॥२॥

भिलनीजीके बेर बसे मन, स्वाद लिया था भारी ।

कर दीने धनवान सुदामा, तुमने गणिका तारी ॥३॥

गौतम ऋषिकी नारी अहिल्या, रजसे स्वर्ग सिधारी ।

मीराके प्रभु गिरधर- नागर, जनम-जनम दासी थारी ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 30, 2018

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP