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म्हाने साची बताओ दीनान...

वियोग - म्हाने साची बताओ दीनान...

भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।


म्हाने साची बताओ दीनानाथ बिरज कब आवोगा ॥टेर॥

फूलाँ भरी है छाबड़ी जी माला पोई चार ।

यह माला साँवरियो पहर सहश्र गोपीयारो ॥ दीनानाथ ॥

कोरी कुलड़ियांमें दही जमायो मिसरी को जावण देय ।

पत्ते को तो दुनो बनायो भोग लगायो ॥ दीनानाथ ॥

पाना भरी है छाबड़ी जी बीड़ी बान्धी चार ।

यह बीड़ी साँवरियो चाव सहश्र गोपी बारो ॥ दीनानाथ ॥

चुन चुन फुलड़ां सेज बिछाई अंतर दियो छिटकाय ।

यह सेजां साँवरियो सोव सहश्र गोपीयारो ॥ दीनानाथ ॥

चूँगत छोड़ा बाछड़ा जी रामत छोड़ी गाय ।

वृन्दावन मैं बेगा पधरो रास रचावो ॥ दीनानाथ ॥

चन्द्रसखी की विनती जी सुनियो चित्त लगाय ।

फूलदोल पर आया रीजो नहीं तो तजूँगी मैं पराण ॥ दीनानाथ ॥

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Last Updated : January 30, 2018

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