हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|वियोग|
आज्यो आज्यो जी साँवरिय...

वियोग - आज्यो आज्यो जी साँवरिय...

भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।


आज्यो आज्यो जी साँवरिया म्हारे देश, ऊभी जोऊँ बाटड़ली ॥

साबण आवण कह गया जी, कर गया कौल अनेक ।

गिनतां गिनतां घिस गई जी, म्हारी आँगलियाँरी रेख ॥१॥

कागद नहीं स्याही नहीं जी, नहीं किणरो प्रवेश ।

पंछीको परवेश नहीं है, किस विध लिखूँ सन्देश ॥२॥

साँवराने ढूँढ़त जुग भया जी, धोला हो गया केश ॥३॥

मोर मुकुट तन काछनी जी, घुँघरवारा केश ।

मीराने गिरधर मिल्या जे, धर नटवरका भेष ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 30, 2018

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP