मराठी मुख्य सूची|स्तोत्रे|राम स्तोत्रे| श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु ... राम स्तोत्रे अहल्योवाचः । अहो कृतार्था... श्री गणेशाय नमः । आसीद्धर... श्रीमहादेव उवाचः । नमोऽस्... अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापु... रामं विश्वमयं वन्दे रामं ... यो नित्यमच्युतपदाम्बुजयुग... जयत्याश्रित संत्रास ध्वान... आसीद्धराधामललामरूपो नासीद... श्रीपूर्णबोधगुरुतीर्थपयोब... श्रीमत्सुधीन्द्रकरकमलसंजा... श्रीनाथे जानकीनाथे अभेदः ... इदं पवित्रं परमं भक्तानां... मङ्गलं कौशलेन्द्राय महनीय... श्री शतकोटि रामचरितांतर्ग... तरणिकुलजलतरणे तरुणतरणितेज... ब्रह्मोवाचः । वन्दे देवं ... अगण्यगुणमाद्यमव्ययमप्रमेय... नमोऽस्तु रामाय सशक्तिकाय ... कृतादिषु प्रजा राजन् कलाव... पूज्याय राघवेंद्राय सत्यध... अयोध्यापुर-नेतारं मिथिलाप... कमल लोचनौ राम कांचनाम्बरौ... श्रीरामस्तोत्रम् धर्मस्य हानिमभितः परिदृश्... राम एव परंब्रह्म राम एव प... श्रीमद्वेदान्तदेशिककृतं म... विशुद्धं परं सच्चिदानन्दर... नमामि भक्तवत्सलं कृपालुशी... ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधन... राघवयादवीयम् अक्षररामायणम् श्रीगणेशाय नम: ॥ अस्य श्र... श्री राम स्तोत्रे प्रस्तावना कल्याणानां निधानं कलिमलमथ... ततो रामः स्वयं प्राह हनूम... अस्य श्रीरामचंद्रस्तवराजस... ततो जगन्मंगलमङ्गलात्मना व... अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रम... वन्दे देवं विष्णुमशेषस्थि... अगणितगुणमप्रमेयमाद्यं सकल... भजे विशेषसुन्दरं समस्तपाप... कृतार्तदेववंदनं दिनेशवंशन... नमोऽस्तु रामाय सशक्तिकाय ... अहो कृतार्थाऽस्मि जगन्निव... भजेऽहं सदा राममिंदीवराभं ... चिदाकारो धाता परमसुखदः पा... ह्ममहेन्द्रसुरेन्द्रमरुद्... विशुद्धं परं सच्चिदानन्दर... १. श्रीमद्रामपदारविन्दमध... श्री रामः श्रीकरः श्रीदः ... ॥ बालकाण्डः ॥ शुद्धब्... श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु ... कमल लोचनौ राम कांचनाम्बरौ... राजीवलोचनः श्रीमान् श्रीर... श्रीराघवं दशरथात्मजमप्रमे... श्रीरामस्तुति - श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु ... श्री राम हा विष्णूचा सातवा अवतार आहे. Tags : godgoddessprayerramstotraदेवतादेवीरामस्तोत्र श्रीरामस्तुति Translation - भाषांतर श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् । नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जरुणम् ॥१॥ कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् । पटपीत पानहुँ तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ॥२॥ भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् । रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ॥३॥ सिरक्रीट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् । आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् ॥४॥ इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् । मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् ॥५॥ मन जाहि राचो मिलहि सोवर सहजसुन्दर सांवरो । करुणानिधान सुजान शील सनेह जानत रावरो ॥६॥ एहि भाँति गौरि अशीस सुनि सिय सहित हिय हर्षित अली । तुलसी भवानिहिं पूजि पुनि पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥ जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हर्षनः जात कहि । मञ्जुल मङ्गल मूल वाम अङ्ग परकन लगे ॥ सियावर रामचन्द्र पद गहि रहुँ । उमावर शम्भुनाथ पद गहि रहुँ । महाविर बजरँगी पद गहि रहुँ । शरणा गतो हरि ॥ N/A References : N/A Last Updated : July 20, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP