मराठी मुख्य सूची|मराठी साहित्य|पोथी आणि पुराण|श्रीभक्तविजय|
॥ मंगलाचरणम् ॥

॥ मंगलाचरणम् ॥

संतकवी महीपतीबोवा ताहराबादकर विरचित


स जयति सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपङ्कजस्मरणम् ॥ वासरमणिरिव तमसां राशिं नाशयति विघ्नानाम् ॥१॥
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥ या ब्रह्माच्युतशंकर प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥२॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंधयते गिरिम् ॥ यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम् ॥३॥
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् ॥ देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥४॥
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ॥ देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥५॥
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ॥ गुरुरेव परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥६॥    ॥    ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : November 11, 2016

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP