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spareness
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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macilency
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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scragginess
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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slenderness
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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emaciation
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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lankness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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meagerness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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leanness
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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कार्श्यम्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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debility
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
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debilitate
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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attenuation
Meanings: 24; in Dictionaries: 12
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मेघदूत पूर्वमेघा - श्लोक २६ ते ३०
"मेघदूत" की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है।
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lank
Meanings: 6; in Dictionaries: 2
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पूर्वमेघ - श्लोक ५६ ते ६०
महाकवी कालिदास यांच्या मेघदूत काव्याचे मराठी समवृत्त व समश्लोकी भाषांतर.
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भिक्षाटनकाव्यम् - एकोनविंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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emaciate
Meanings: 10; in Dictionaries: 3
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मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग पाचवा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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वैराग्यप्रकरणम् - सर्गः ५
योगवासिष्ठः
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slender
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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परे
Meanings: 10; in Dictionaries: 3
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आचारकाण्डः - अध्यायः १५७
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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श्रीपादुकासहस्रम् - सन्निवेशपद्धतिः
श्रीमद्वेदान्तदेशिक विरचितम्
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भिक्षाटनकाव्यम् - त्रयस्त्रिंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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thin
Meanings: 22; in Dictionaries: 6
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सूत्रस्थान - अध्याय १४
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
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भिक्षाटनकाव्यम् - नवमी पद्धतिः।
उत्प्रेक्षावल्लभकविविरचितं भिक्षाटनकाव्यम् ।
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक ६१ ते ८०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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निदानस्थानम् - अष्टमोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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भिक्षाटनकाव्यम् - प्रथमा पद्धतिः।
उत्प्रेक्षावल्लभकविविरचितं भिक्षाटनकाव्यम् ।
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चतुर्थः भागः - फिरङ्गरोगाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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lean
Meanings: 15; in Dictionaries: 6
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निदानस्थानम् - षष्ठोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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द्वितीयः भागः - मूर्च्छाभ्रमनिद्रातन्द्रासंन्यासाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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निदानस्थान - उन्मादनिदानं व्याख्यास्यामः
चरक संहिता आयुर्वेदासंबंधी एक प्रसिद्ध ग्रन्थ आहे. हा ग्रंथ संस्कृत भाषेत आहे. या ग्रंथाचे उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आणि प्रतिसंस्कारक चरक हे होत. Charaka Sanhita is believed to be the oldest Ayurvedic text on internal medicine.
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शृङ्गारप्रवाहः - सुभाषित ६४१ -६६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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सत्कर्मसंग्रहः - नेति
प्रस्तुत ग्रंथात हठ योगासंबंधी विस्तृत माहिती देण्यात आलेली आहे.
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निदानस्थान - अध्याय ६
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
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॥ अथ मूर्च्छानिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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॥ अथ ग्रन्थान्तरे बहुमूत्रमेहनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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मध्यखण्डम् - अष्टमोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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खण्डः २ - अध्यायः ०४६
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
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निदानस्थानम् - एकादशोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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निदानस्थान - अध्याय ८
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
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॥ अथ रसादीनां पाकलक्षणमाह ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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सूत्रस्थानम् - सप्तमोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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तृतीयः भागः - अश्मरीरोगाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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माधवनिदान - मूर्च्छानिदान
" शरिरेंद्रिय-सर्वात्मा संयोगधारी जीवितम् " अशी जीवनाची आयुर्वेदीय, व्यापक व्याख्या आहे.
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मध्यखण्डम् - दशमोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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