-
altar poem
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 4.509463 | Lang: NA
-
poem
Meanings: 13; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 4.509463 | Lang: NA
-
pattern poem
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.896958 | Lang: NA
-
abstract poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.150007 | Lang: NA
-
epic poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
heroic poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
pastoral poem
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
lyric poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
meditative poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
didactic poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
private poem
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
prose poem
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.343755 | Lang: NA
-
चौरपंचाशिका
‘चौरपंचाशिका’ हे प्रेमकाव्य काश्मिरी कवी बिल्हाना याने ११ व्या लिहीले आहे. This love poem ‘chaurapanchashika' of fifty stanzas was written by the Kasmiri poet Bilhana Kavi in the 11th century.
Type: PAGE | Rank: 1.272455 | Lang: NA
-
चौरपंचाशिका
‘चौरपंचाशिका’ हे प्रेमकाव्य काश्मिरी कवी बिल्हाना याने ११ व्या लिहीले आहे. This love poem ‘chaurapanchashika' of fifty stanzas was written by the Kasmiri poet Bilhana Kavi in the 11th century.
Type: INDEX | Rank: 1.272455 | Lang: NA
-
मूर्तिभंजक
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
लिलाव
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
‘राजीवनयनराम’ श्लोकष्टक
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री दामोदराचीं पदें - पदे २१३ ते २२०
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
मंदार मंजिरी - स्मारकाचा उपयोग
भिन्न भिन्न वेळी भिन्न भिन्न मासिकात छापलेली अशी कांही आणि आजपर्यंत मुळींच कोठेहीं न छापलेली कवी विद्याधर वामन भिडे यांची कांही निवडक काव्ये.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
साधनोपदेशपर पदें - पदे १५१ ते १६२
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री नवदुर्गेचीं पदें - पदे २९९ ते ३००
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी त्रिलोचन - वसंत
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
मंदार मंजिरी - मंदार मंजिरी
भिन्न भिन्न वेळी भिन्न भिन्न मासिकात छापलेली अशी कांही आणि आजपर्यंत मुळींच कोठेहीं न छापलेली कांही निवडक काव्ये.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
केशवकुमार - धन्य ! धन्य ! आज धरा धवलर...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी त्रिलोचन - कह नहीं सकता
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी त्रिलोचन - पयोद और धरणी
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
भट्टिकाव्यं - प्रसन्न काण्ड:
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
Type: INDEX | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
नव कवी
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
Type: INDEX | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
मंदार मंजिरी - ज्ञानसंपदा
भिन्न भिन्न वेळी भिन्न भिन्न मासिकात छापलेली अशी कांही आणि आजपर्यंत मुळींच कोठेहीं न छापलेली कवी विद्याधर वामन भिडे यांची कांही निवडक काव्ये.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री लक्ष्मी नृसिंहाचीं पदें - पदे २५४ ते २६८
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
शंकर बळवंत चव्हाण
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री रामाचीं पदें - पदे ५१ ते ६०
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
लघु आत्मकथन - मंगलाचरण
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री इंदिराकांततीर्थ स्वामीचीं पदें - पदे ३५४ ते ३५५
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
तरीही केधवा
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री जगदंबेचीं पदें - पदे २९३ ते २९५
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
अभंग
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
प्रार्थनापर पदें - पदे १८१ ते १९०
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी त्रिलोचन - दुखों की छाया
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री महालसेचीं पदें - पदे ३०८ ते ३०९
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
तिङन्त काण्ड: - सर्ग २३
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
दूर मनोर्यांत
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी त्रिलोचन - नन्हे
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
तिङन्त काण्ड: - सर्ग २०
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री दत्तात्रेयाचीं पदें - पदे १२१ ते १३३
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
कवी बांदरकर
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाले.
Type: INDEX | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्रीशितलादेवीचें पद - पद ३५९ वें
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
मंदार मंजिरी - व्यंजनावली
भिन्न भिन्न वेळी भिन्न भिन्न मासिकात छापलेली अशी कांही आणि आजपर्यंत मुळींच कोठेहीं न छापलेली कवी विद्याधर वामन भिडे यांची कांही निवडक काव्ये.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
जा जरा पूर्वेकडे
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA
-
श्री नरहरितीर्थंचीं पदें - पदे ३५६ ते ३५७
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.5363209 | Lang: NA