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दुःसहः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଦୁଃସହ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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दुस्सह
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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دُشل
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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दुःसह
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
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দুঃসহ
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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तुटलेले दुवे - देवा, दुस्सह काय हाय दयित...
सुनीताच्या १४ ओळींची विभागणी कशीही असली, तरी अर्थदृष्ट्या सुनीताचे दोन भाग सघन वा भरीव असतात. सुनीताचे अर्थदृष्टया महत्त्व ह्या घनतेमध्ये वा गांभीर्यामध्ये असते.
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burdensome
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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onerous
Meanings: 12; in Dictionaries: 8
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intolerable
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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દુ
Meanings: 18; in Dictionaries: 1
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taxing
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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unbearable
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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unendurable
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सुदुस्मह
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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प्रसरा
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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insufferable
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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insupportable
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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वात्या
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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एकनाथी भागवत - श्लोक १० वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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तुटलेले दुवे - जातांना रमणीय या सुवसना म...
डॉ. माधव त्रिंबक पटवर्धन ऊर्फ माधव जूलियन, (जन्म २१ जानेवारी १८९४; मृत्यु २९ नोव्हेंबर १९३९) हे मराठी भाषेतील प्रतिथयश कवी होऊन गेले.
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गज्जलाञ्जलि - मानिनि, जाणार तुझा राग कध...
डॉ. माधव त्रिंबक पटवर्धन ऊर्फ माधव जूलियन, (जन्म २१ जानेवारी १८९४; मृत्यु २९ नोव्हेंबर १९३९) हे मराठी भाषेतील प्रतिथयश कवी होऊन गेले.
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मुशाफिर आम्ही
भा.रा.तांबे यांच्या कविता अत्यंत हळुवार असून त्या मनाला भिडतात
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सान्त्वन
भा.रा.तांबे यांच्या कविता अत्यंत हळुवार असून त्या मनाला भिडतात
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घोंगडें
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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severe
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
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चतुर्थः स्कन्धः - अथ षडविंशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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हाय
Meanings: 24; in Dictionaries: 8
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आशादेवी
कवी 'बी' हे कवींचे कवी आहेत. अनेक कवींना स्फूर्ति पुरविण्याइतके चैतन्य व तेज त्यांच्या कवितेत काठोकाठ भरलेले आहे.
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संगीत शाकुंतल
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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प्रासंगिक कविता - प्रसंग ९
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
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उपासना खंड - अध्याय ७७
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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पातालखण्डः - अध्यायः ८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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दशावतारचरित्रम् - वराहावतारस्तृतीयः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १५६
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १८०
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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दुर
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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अध्याय ७२ वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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hard
Meanings: 55; in Dictionaries: 10
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शृङ्गारप्रवाहः - सुभाषित ६६१ - ६८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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पुरुषोत्तमजगन्नाथमाहात्म्यम् - अध्याय १९
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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कौमारिकाखण्डः - अध्यायः १७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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युद्धकाण्डम् - काव्य ६५१ ते ७००
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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केदारखण्डः - अध्यायः ३०
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४१२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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प्रथम पाद - दुख भोगनेकी अवस्था
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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दुस्
Meanings: 114; in Dictionaries: 2
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ३८
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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खंड ८ - अध्याय ३३
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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युद्धखण्डः - अध्यायः ५७
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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